विदेशों से धन के जाली प्रस्तावों के विरूद्ध स्थानीय पुलिस/साइबर अपराध प्राधिकारी को शिकायत - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशों से धन के जाली प्रस्तावों के विरूद्ध स्थानीय पुलिस/साइबर अपराध प्राधिकारी को शिकायत
10 जनवरी 2012 विदेशों से धन के जाली प्रस्तावों के विरूद्ध भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज आम जनता को सलाह दी है कि वे विदेशों से धन के जाली प्रस्ताव जैसेही प्राप्त करें अथवा यदि वे ऐसे प्स्तावों के शिकार बनें तो उसकी शिकायत पुलिस/साइबर अपराध प्राधिकारी के पास तत्काल दर्ज कराएं। वेबसाइट पर ऐसी नोडल एजेंसियों की सूची भी जारी की गई है जिनके पास आम जनता अपनी शिकायतें दर्ज करा सकती है। रिज़र्व बैंक ने विगत में कई अवसरों पर आम जनता को तथाकथित विदेशी संस्थाओं/व्यक्तियों अथवा ऐसी संस्थाओं/व्यक्तियों के रूप में कार्य करने वाले भारतीय निवासियों द्वारा विदेशों से विदेशी मुद्रा में सस्ती निधियों के जाली प्रस्तावों/लॉटरी में जीत/प्रेषणों का शिकार बनने के विरूद्ध सावधान किया है। यह कहा गया है कि ऐसे प्रस्ताव धोखाधड़ी वाले हैं और जनता को सलाह दी गई है कि वे जब ऐसे प्रस्ताव प्राप्त करें अथवा ऐसी किसी जालसाज़ी का शिकार बनें तो तत्काल उसकी शिकायत पुलिस/साइबर अपराध प्राधिकारी के पास दर्ज कराएं। आम जनता को अज्ञात संस्थाओं से ऐसी योजनाओं/प्रस्तावों में सहभागिता के प्रति कोई भी राशि भेजने के विरूद्ध सावधान भी किया गया है क्योंकि ऐसे प्रेषण गैर-कानूनी हैं और भारत में किसी निवासी द्वारा भारत से बाहर प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे भुगतान जारी करने/प्रेषित करने तथा उसका संग्रह करने हेतु विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई का पात्र होगा। वे अपने अपने ग्राहक को जानें (केवाइसी) मानदण्डों/धन शोधन (एएमएल) मानकों से संबंधित विनियमावली के उल्लंघन के लिए भी उत्तरदायी होंगे। रिज़र्व बैंक ने पुन: यह कहा है कि यह किसी के भी नाम में किसी भी प्रकार की राशि का प्रबंध नहीं करता है तथा यह ऐसे जाली पत्राचार के जवाब में प्रेषित की गई राशि की वसूली के लिए कोई दायित्व नहीं लेता है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1105 |