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अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (अ.वा.बैं.) में जमाराशियों की रचना और स्वामित्व पैटर्न-31 मार्च 2018

30 जुलाई 2018

अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (अ.वा.बैं.) में जमाराशियों की रचना
और स्वामित्व पैटर्न-31 मार्च 2018

आज, रिजर्व बैंक ने 31 मार्च, 2018 को अनुसूचित वाणिज्यि बैंकों (अ.वा.बैं.) में जमाराशियों के घटकों और संस्थागत स्वामित्व की प्रवृत्ति के संबंध मे आंकड़े जारी किये हैं। इन आंकड़ों के प्रसारण में चार लघु वित्त बैंको और दो विदेशी बैंकों, जिन्हें वर्ष 2017-18 में भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची में जोड़ा गया था, को भी सम्मिलित किया गया है।

मुख्य बातें:

  • सावधि और चालू खातों की जमा राशियों की तुलना में लगातार दूसरे वर्ष भी बचत खातों की जमा राशियों में प्रवाह अधिक था।

  • मार्च 2018 में चालू, बचत और सावधि जमा राशियों का भाग क्रमशः 9.7 प्रतिशत, 32.1 प्रतिशत और 58.2 प्रतिशत था।

  • आधे से अधिक बैंक जमा राशियों में व्यक्तियों का योगदान था, जिनकी भागीदारी सभी जनसंख्या समूहों (ग्रामीण/ अर्ध-शहरी/ शहरी/ मेट्रोपोलिटन) में सर्वाधिक थी; साथ ही वर्ष 2017-18 के दौरान कुल सावधि जमा में उनकी हिस्सेदारी में वृद्धि हुई थी।

  • पिछले वर्ष अनिवासी जमाराशियों का बहिर्गमन पाया गया, जबकि इस वर्ष के दौरान सकल जमा की तुलना में अनिवासी जमाराशियों में उच्च वृद्धि दर पाई गई।

  • वृद्धिशील जमाराशियों में लगभग दो-तिहाई योगदान हाउसहोल्ड क्षेत्र का था, जिसके बाद विदेशी क्षेत्र तथा वित्त क्षेत्र का योगदान था।

  • वर्ष 2017-18 के दौरान अद्वितीय बदलाव देखा गया जब निजी क्षेत्र के बैंकों ने अन्य बैंक समूहों की तुलना में अधिक वृद्धिशील जमा-राशियाँ (लगभग 60 प्रतिशत) जुटाईं।

  • एक बकाया आधार पर, सरकारी क्षेत्र के बैंकों की भागीदारी कुल जमा राशियों में लगभग दो-तिहाई थी; हालांकि निजी कारपोरेट क्षेत्र की अधिकांश जमा राशियां निजी क्षेत्र के बैंकों में अनुरक्षित थीं।

  • वर्ष के दोरान मेट्रोपोलिटन शाखाओं ने सर्वाधिक बैंक जमा राशियां जुटायीं और मार्च 2018 में कुल जमा राशियों में आधे से अधिक इनकी हिस्सेदारी थी।

  • हाउसहोल्ड क्षेत्र की वृद्धिशील जमाराशियों में लगातार दूसरे वर्ष उत्तरप्रदेश का योगदान सर्वाधिक रहा, इसके बाद क्रमशः महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक का महत्वपूर्ण योगदान था।

  • आठ राज्यों (महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर-प्रदेश, कर्नाटक, प.बंगाल, तमिलनाडु, गुजरात और केरल) का कुल जमा राशियों में दो-तिहाई योगदान था।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/255

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