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भारतीय रिज़र्व बैंक, नई दिल्ली में 14 नवंबर 2024 को सहकारी समितियों के रजिस्ट्रारों के लिए सम्मेलन आयोजित किया गया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 14 नवंबर 2024 को अपने नई दिल्ली कार्यालय में सहकारी समितियों के राज्य रजिस्ट्रारों (आरसीएस) का दूसरा सम्मेलन आयोजित किया। इस कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर श्री एम. राजेश्वर राव और श्री स्वामीनाथन जे. ने की तथा रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। श्री रवींद्र कुमार अग्रवाल, अपर सचिव, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार एवं  सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस), और श्री पंकज कुमार बंसल, अपर सचिव, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने विभिन्न राज्यों की सहकारी समितियों के रजिस्ट्रारों के साथ सम्मेलन में भाग लिया।

उप गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने सहकारी बैंकों की, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, सीमांत समुदायों की सेवा करके, वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अभिशासन और जोखिम प्रबंधन चुनौतियां, प्रभावी प्रबंधन में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं तथा उन्होंने अभिशासन मानकों को लागू करने, कमजोर बैंकों का समाधान करने तथा अनुपालन को सुचारू बनाने के लिए आरसीएस और रिज़र्व बैंक के बीच मजबूत सहयोग का आग्रह किया।

उप गवर्नर श्री स्वामीनाथन जे. ने एक-दूसरे की भूमिकाओं का सम्मान करते हुए रिज़र्व बैंक  और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रारों के बीच समन्वित जुड़ाव के महत्व पर बल दिया। यद्यपि शहरी सहकारी बैंकों के वित्तीय संकेतकों में सुधार हुआ है, तथापि उन्होंने कारोबार, परिसंपत्ति गुणवत्ता और चलनिधि में संवृद्धि की संभावना जताई। उन्होंने यूसीबी को डिजिटल रूप से विकसित करने, आईटी और साइबर सुरक्षा अंतराल को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए परिसमापन प्रक्रिया में सुधार के महत्व पर प्रकाश डाला।

श्री रवींद्र कुमार अग्रवाल, अपर सचिव एवं सीआरसीएस ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कमजोर सहकारी बैंकों को समर्थन देने के लिए एक आदर्श उपनियम और एक रूपरेखा का मसौदा तैयार करने के लिए एक हितधारक टीम के गठन का प्रस्ताव रखा तथा परिसमापकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। श्री पंकज कुमार बंसल, अपर सचिव ने सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने में रिज़र्व बैंक के प्रयासों की सराहना की और सहकारी बैंकों को विशेष रूप से प्रौद्योगिकी में बढ़ावा देने के लिए छत्र संगठन को समर्थन देने के महत्व पर बल दिया।

सम्मेलन के दौरान शहरी सहकारी बैंकों में विनियामक और अभिशासन संबंधी मुद्दों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक और निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) की अपेक्षाओं पर चर्चा केंद्रित रही। सम्मेलन में आरसीएस और रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक खुला संवाद सत्र भी शामिल था।

 

(पुनीत पंचोली)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1514

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