आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) के निदेशकों और एमडी/ सीईओ के लिए सम्मेलन - आरबीआई - Reserve Bank of India
आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) के निदेशकों और एमडी/ सीईओ के लिए सम्मेलन
रिज़र्व बैंक ने आज मुंबई में आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) के निदेशकों और एमडी/सीईओ के लिए एक सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन में सभी 27 एआरसी का प्रतिनिधित्व करने वाले 80 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। 'एआरसी में अभिशासन- प्रभावी संकल्पों की दिशा में' विषय पर यह कार्यक्रम, रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं के साथ पिछले एक वर्ष से आयोजित की जा रही पर्यवेक्षी गतिविधियों की शृंखला का एक हिस्सा है। इस शृंखला के भाग के रूप में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और शहरी सहकारी बैंकों के निदेशक मंडल और एमडी/ सीईओ के लिए सम्मेलन पूर्व में आयोजित किया गया था।
उप गवर्नर श्री एम. राजेश्वर राव और श्री स्वामीनाथन जे. ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। कार्यपालक निदेशक श्री एस सी मुर्मू, श्री सौरव सिन्हा, श्री जे के दाश और श्री रोहित जैन ने रिज़र्व बैंक के विनियमन और पर्यवेक्षण विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सम्मेलन में भाग लिया।
श्री राव ने अपने मुख्य भाषण में इस बात पर प्रकाश डाला कि मजबूत अभिशासन एआरसी को एक सुदृढ़ कारोबार मॉडल बनाने के लिए मजबूत आधार प्रदान करता है। इस संबंध में जिम्मेदारी काफी हद तक एआरसी के बोर्डों और शीर्ष पदाधिकारियों पर है, जिन्हें इन सिद्धांतों के आधार पर एक मजबूत और संस्थागत संस्कृति विकसित करनी होगी। उन्होंने बहाली प्रक्रिया में जिम्मेदार आचरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि एआरसी को रिज़र्व बैंक द्वारा लागू उचित व्यवहार संहिता (एफपीसी) के अनुरूप पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण पद्धतियों का पालन करना चाहिए।
श्री स्वामीनाथन ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि ईमानदारी और नैतिक आचरण की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शीर्ष से सही व्यवहार स्थापित करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने एआरसी के कामकाज में कई पर्यवेक्षी चिंताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने एआरसी से दृष्टिकोण सहित एक विनियमन अपनाने का आग्रह किया जहां विनियमन के पत्र और उसकी भावना दोनों का अनुपालन हो। बोर्डों को जोखिम प्रबंधन, अनुपालन और आंतरिक लेखा-परीक्षा जैसे आश्वासन कार्यों को उचित महत्व देना चाहिए। ये कार्य जोखिमों की पहचान करने और उन्हें कम करने, विधि और विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ संगठन की प्रतिष्ठा की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सम्मेलन में रिज़र्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधकों द्वारा विनियामक पहलुओं और पर्यवेक्षी अपेक्षाओं पर तकनीकी सत्र शामिल थे।
रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशकों के साथ प्रतिभागियों के खुले संवाद के साथ सम्मेलन का समापन हुआ। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी : 2024-2025/327 |