गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों के लिए सम्मेलन - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों के लिए सम्मेलन
रिज़र्व बैंक ने आज चुनिंदा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों (अर्थात्, मुख्य अनुपालन अधिकारी, मुख्य जोखिम अधिकारी और आंतरिक लेखा परीक्षा के प्रमुख) के लिए मुंबई में एक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में 100 से अधिक एनबीएफसी का प्रतिनिधित्व कर रहे लगभग 280 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 'आघात-सहनीय वित्तीय प्रणाली - प्रभावी आश्वासन कार्यों की भूमिका' विषय पर यह कार्यक्रम, रिज़र्व बैंक द्वारा अपनी विनियमित संस्थाओं के साथ पिछले एक वर्ष से आयोजित की जा रही पर्यवेक्षी गतिविधियों की शृंखला का एक हिस्सा है। इस शृंखला के भाग के रूप में, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों के लिए सम्मेलन पहले जनवरी 2024 में आयोजित किया गया था। उप गवर्नर श्री एम. राजेश्वर राव और श्री स्वामीनाथन जे. ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। कार्यपालक निदेशकगण, श्री एस. सी. मुर्मू, श्री सौरव सिन्हा, श्री जे के दाश तथा श्री रोहित जैन ने भी रिज़र्व बैंक के विनियमन और पर्यवेक्षण विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सम्मेलन में भाग लिया।
श्री राव ने अपने मुख्य भाषण में भारतीय वित्तीय परिदृश्य में देखी गई परिवर्तनकारी यात्रा और प्रगति तथा अंतिम मील तक ऋण वितरण में एनबीएफसी क्षेत्र के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कुछ संदर्भिक मुद्दों, जैसे कि तृतीय पक्ष निर्भरता और परिचालन संबंधी जोखिमों; ग्राहक आचरण; और परिचालन में पारदर्शिता में आश्वासन कार्यों की भूमिका का वर्णन किया।
श्री स्वामीनाथन ने एनबीएफसी से अभिशासन और आश्वासन कार्यों को बढ़ावा देने तथा संभावित जोखिमों और कमजोरियों के विरुद्ध निरंतर निगरानी रखने का आग्रह किया। अत्यधिक गतिशील और चुनौतीपूर्ण वातावरण में, जिसमें वित्तीय संस्थाएं कार्य करती हैं, वे अनेक जोखिमों के संपर्क में आते हैं जो उनके वित्तीय और परिचालनगत आघात-सहनीयता को प्रभावित कर सकते हैं। अन्य बातों के साथ-साथ उन्होंने साइबर सुरक्षा और परिचालन संबंधी जोखिमों; नियम आधारित ऋण मॉडल से ऋण जोखिम; एवं चलनिधि संबंधी जोखिम पर प्रकाश डाला। उन्होंने विनियमित संस्थाओं से रिज़र्व बैंक की पर्यवेक्षण अपेक्षाओं के बारे में सूचित किया ताकि स्वतंत्र और सार्थक आश्वासन कार्यों तथा ग्राहकों के प्रति निष्पक्ष और पारदर्शी आचरण सुनिश्चित किया जा सके।
इस सम्मेलन में रिज़र्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधकों द्वारा तीन आश्वासन कार्यों पर तकनीकी सत्र शामिल थे। चुनिंदा एनबीएफसी के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों द्वारा सर्वोत्तम पद्धतियों और चुनौतियों पर प्रस्तुतिकरण भी किए गए।
सम्मेलन का समापन रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशकों के साथ प्रतिभागियों के साथ संवादात्मक सत्र से हुआ।
(पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/307 |