ग्राहक अब बैंकिंग लोकपाल के निर्णय के विरुद्ध अपील कर सकते हैं - आरबीआई - Reserve Bank of India
ग्राहक अब बैंकिंग लोकपाल के निर्णय के विरुद्ध अपील कर सकते हैं
24 मई 2007
ग्राहक अब बैंकिंग लोकपाल के निर्णय के विरुद्ध अपील कर सकते हैं
बैंक ग्राहक अब उन मामलों में बैंकिंग लोकपाल के निर्णय के विरुद्ध अपील कर सकते हैं जहाँ उसने योजना के अंतर्गत निर्दिष्ट शिकायत के क्षेत्र के भीतर आनेवाले मामलो से संबंधित ग्राहक की शिकायतों को अस्वीकार कर दिया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006 को संशोधित किया है ताकि ग्राहक बैंकिंग लोकपाल के निर्णय के विरुद्ध शिकायत कर सकें। ये संशोधन भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इस योजना में संशोधन के पूर्व, बैंक ग्राहक केवल बैंकिंग लोकपाल द्वारा दिए गए अधिनिर्णय के विरुद्ध ही अपील कर सकते थे। भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर बैंकिंग लोकपाल योजना के अपीलीय प्राधिकारी हैं।
यह स्मरण होगा कि वर्ष 2007-2008 की वार्षिक नीति में रिज़र्व बैंक ने घोषणा की थी कि ग्राहकों से प्राप्त प्रतिसूचना के आधार पर वह बैंकिंग लोकपाल के निर्णयों पर भी अपील का विकल्प प्रदान करने के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006 में संशोधन करेगा।
मूल रूप से वर्ष 1995 में लागू की गई बैंकिंग लोकपाल योजना बैंक सेवाओं में कमी से संबंधित बैंक ग्राहकों की शिकायतों का तेजी और किफायती रूप से समाधान करती है। इस योजना में अब सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंक शामिल हैं। ग्राहक अब अपनी शिकायतों के समाधान हेतु संबंधित बैंक के पास उपलब्ध सभी ॉााटतों द्वारा समाधान नही होने के बाद क्रेडिट कार्ड सहित प्राय: किसी भी बैंकिंग सेवा में कमी के विरुद्ध बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत कर सकते हैं। रिज़र्व बैंक ने इस योजना के अंतर्गत 15 बैंकिंग लोकपाल नियुक्त किए हैं जो अधिकांशत: राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं। बैंकिंग लोकपाल समझौते अथवा मध्यस्थता के माध्यम से शिकायतों का समाधान करने का प्रयास करता है और यदि ऐसे निपटान के माध्यम से समाधान नहीं होता है तो कोई अधिनिर्णय पारित करता है।
अजीत प्रसाद
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/1608