संविभाग निवेश योजना के अंतर्गत भारतीय कंपनियों में विदेशी निवेश सीमा/ अधिकतम सीमा में 49% से 47% तक की कमी- मेसर्स उज्जीवन फाइनैन्शल सर्विसेज लिमिटेड
24 अप्रैल 2017 संविभाग निवेश योजना के अंतर्गत भारतीय कंपनियों भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अधिसूचित किया है कि मेसर्स उज्जीवन फाइनैन्शल सर्विसेज लिमिटेड ने निदेशक मंडल के स्तर पर एक संकल्प पारित कर अपने इक्विटी शेयरों और परिवर्तनीय डिबेंचर की खरीद की सीमा को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई)/पंजीकृत विदेशी संविभाग निवेशक (आरएफपीआई)/विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई)/अनिवासी भारतीयों (एनआरआई)/अमरीकी निक्षेपागार रसीदों (एडीआर)/ वैश्विक निक्षेपागार रसीदों (जीडीआर)/भारतीय मूल के व्यक्तियों (पीआईओ) के माध्यम से पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट स्कीम के तहत कंपनी की पेड अप कैपिटल के 47% तक प्राथमिक बाजार और स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से कम करने के लिए सहमत हो गए हैं। अत: पीएसआई के अंतर्गत एफआईआई/आरएफपीआई/एफडीआई/क्यूएफआई/एडीआर/जीडीआर/ एनआरआई/ पीआईओ निवेश की सीमा को 49% से 47% तक कम किया जाए। रिज़र्व बैंक आगे सूचित करता है कि मेसर्स उज्जीवन फाइनैन्शल सर्विसेज लिमिटेड का नाम 15 जून 2016 की प्रेस प्रकाशनी के अनुसार एफआईआई/ आरएफपीआई/एफडीआई/ क्यूएफआई/एनआरआई/ एडीआर/जीडीआर/पीआईओ के लिए प्रतिबंधित सूची में शामिल रहेगा। रिज़र्व बैंक ने फेमा 2000 के तहत यह अधिसूचित किया है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/2879 |
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