भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के अंतर्गत नामित ट्रेड रिपोजि़टोरी - आरबीआई - Reserve Bank of India
भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के अंतर्गत नामित ट्रेड रिपोजि़टोरी
23 मार्च 2016 भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के अंतर्गत भुगतान और निपटान अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) में मई 2017 में अधिसूचित संशोधनों के बाद ट्रेड रिपोजि़टोरी को इस अधिनियम के अंतर्गत लाया गया है। तदनुसार, भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) ओटीसी ब्याज दर तथा विदेशी मुद्रा संविदाओं, जैसा कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर अधिदेशित की जाती हों, के लिए पीएसएस अधिनियम की धारा 34 A (2) के अंतर्गत नामित ट्रेड रिपोजि़टोरी होगा। पीएसएस अधिनियम के प्रावधान नामित ट्रेड रिपोजि़टोरी पर उस हद तक लागू होंगे जैसा कि वे भुगतान प्रणालियों पर, या उनके संबंध में लागू होते हों। एक वित्तीय बाज़ार बुनियादी ढांचा (एफएमआई) होने के नाते ट्रेड रिपोजि़टोरी का विनियमन व पर्यवेक्षण “भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित वित्तीय बाज़ार बुनियादी ढांचों के विनियमन और पर्यवेक्षण” संबंधी नीति ढांचे के अनुसार होगा। पृष्ठभूमि 24-25 सितंबर 2009 के पिट्सबर्ग शिखर सम्मेलन की जी-20 घोषणा में ट्रेड रिपोजि़टोरी को ओटीसी डेरिवेटिव संविदाओं की रिपोर्टिंग सहित ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) डेरिवेटिव बाज़ारों में सुधार लाने से संबंधित कई सुधारात्मक उपायों का उल्लेख किया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत में ओटीसी ब्याज दर और विदेशी मुद्रा डेरिवेटिवों का विनियामक होने के नाते जी-20 प्रतिबद्धताओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए समुचित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने “ट्रेड रिपोजि़टोरी को ओटीसी डेरिवेटिव ट्रेडों की रिपोर्टिंग संबंधी जी-20 प्रतिबद्धता के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक का अनुपालन” पर 15 जनवरी 2014 को एक प्रेस प्रकाशनी जारी की थी। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2250 |