वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की स्थिति
16 जून 2016 वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की स्थिति वित्तीय वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही अर्थात् जनवरी-मार्च के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े विवरण-। (बीपीएम6 फॉर्मेट) और ।। (पुराना फॉर्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं। 2015-16 की चौथी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं -
भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में काफी कम होकर 0.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.1 प्रतिशत) रहा जो वर्ष 2015-16 की तीसरी तिमाही के 7.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) से काफी कम है और वर्ष 2014-15 की चौथी तिमाही के 0.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.1 प्रतिशत) से थोड़ा सा कम रहा (तालिका 1)। -
चालू खाता घाटे (सीएडी) में कमी मुख्य रूप से पिछले वर्ष की चौथी तिमाही (31.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) और पिछली तिमाही के 34.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में कम व्यापार घाटे (24.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के कारण रही। -
मुख्य रूप से परिवहन, वित्तीय सेवाओं और दूरसंचार, कम्प्यूटर तथा सूचना सेवाओं के निर्यात में कमी के कारण वर्ष-दर-वर्ष आधार पर निवल सेवा प्राप्तियों में गिरावट आई। -
निजी अंतरण रसीदों, जो कि विदेशों में नौकरी करने वाले भारतीयों द्वारा किए जाने वाले धन प्रेषणों को दर्शाती हैं, की राशि 15.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर दर्ज हुई। इसमें पिछली तिमाही और पिछले वर्ष के स्तर से कमी आई। -
निवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वर्ष 2014-15 की चौथी तिमाही के 9.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में 8.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। -
पोर्टफोलियो निवेश में पिछले वर्ष की इस अवधि में 12.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवल अंतर्वाह की तुलना में वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह दर्ज किया गया। -
तथापि, अनिवासी भारतीयों की जमाराशियों में पिछले वर्ष की चौथी तिमाही और पिछली तिमाही के स्तर से वर्ष 2015-16 की तिमाही में बढ़ोतरी हुई। -
वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गया। अप्रैल-मार्च 2015-16 के दौरान बीओपी -
व्यापार घाटे में कमी होने के कारण सीएडी वर्ष 2014-15 के 1.3 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2015-16 में जीडीपी का 1.1 प्रतिशत हो गया। -
भारत का व्यापार घाटा वर्ष 2014-15 के 144 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर वर्ष 2015-16 में 130.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। -
निवल सेवा अर्जन और निजी अंतरण प्राप्तियों में नरमी के कारण वर्ष 2015-16 में निवल अदृश्य प्राप्तियों में गिरावट आई। -
निवल एफडीआई अंतर्वाह वर्ष 2014-15 के स्तर से बढ़कर वर्ष 2015-16 (36.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर) में 15.3 प्रतिशत तक बढ़ा। -
तथापि, पोर्टफोलियो निवेश में पिछले वर्ष के 40.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवल अंतर्वाह की तुलना में वर्ष 2015-16 में 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह दर्ज किया गया। -
वर्ष 2014-15 में 61.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 2015-16 में विदेशी मुद्रा भंडारों में 17.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई। तालिका 1: भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें | (बिलियन अमेरिकी डॉलर) | | जनवरी-मार्च 2016 प्राथमिक | जनवरी-मार्च 2015 आं. सं. | अप्रैल-मार्च 2015-16 प्राथमिक | अप्रैल-मार्च 2014-15 आं. सं. | जमा | नामे | निवल | जमा | नामे | निवल | जमा | नामे | निवल | जमा | नामे | निवल | क. चालू खाता | 124.7 | 125.0 | -0.3 | 134.2 | 134.9 | -0.7 | 501.4 | 523.5 | -22.1 | 558.2 | 585.0 | -26.8 | 1. माल | 65.8 | 90.6 | -24.8 | 71.8 | 103.4 | -31.6 | 266.4 | 396.4 | -130.1 | 316.5 | 461.5 | -144.9 | जिसमें से : | | | | | | | | | | | | | पीओएल | 6.1 | 14.6 | -8.5 | 8.2 | 21.8 | -13.5 | 30.4 | 82.9 | -52.4 | 56.8 | 138.3 | -81.5 | 2. सेवा | 39.4 | 23.3 | 16.1 | 41.4 | 21.3 | 20.0 | 154.3 | 84.6 | 69.7 | 158.1 | 81.6 | 76.5 | 3. प्राथमिक आय | 3.7 | 10.3 | -6.6 | 3.5 | 9.1 | -5.6 | 14.7 | 39.1 | -24.4 | 13.4 | 37.5 | -24.1 | 4. द्वितीयक आय | 15.7 | 0.7 | 15.0 | 17.5 | 1.1 | 16.4 | 66.0 | 3.3 | 62.7 | 70.1 | 4.4 | 65.8 | ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा | 127.3 | 127.2 | 0.2 | 149.4 | 149.5 | -0.1 | 510.9 | 487.8 | 23.2 | 550.9 | 523.1 | 27.8 | जिसमें से : | | | | | | | | | | | | | मुद्रा भंडार में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+)) | 0.0 | 3.3 | -3.3 | 0.0 | 30.1 | -30.1 | 0.9 | 18.8 | -17.9 | 0.0 | 61.4 | -61.4 | ग. भुल-चूक (-) (ए+बी) | 0.2 | 0.0 | 0.2 | 0.8 | 0.0 | 0.8 | 0.4 | 1.5 | -1.1 | 1.1 | 2.1 | -1.0 | प्रा : प्रारंभिक; आं.सं. : आंशिक रूप से संशोधित | | | | | | नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है। | अजीत प्रसाद सहायक परामर्शदाता प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2925 |