2021-22 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां
22 जून 2022 2021-22 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां चौथी तिमाही (क्यू4) अर्थात् जनवरी-मार्च 2021-22 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण । (बीपीएम6 फॉर्मेट) और ।। (पुराना फॉर्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं। 2021-22 की चौथी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं -
2021-22 की चौथी तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) घटकर 13.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.5 प्रतिशत) हो गया, जो कि 2021-22 की तीसरी तिमाही में 22.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.6 प्रतिशत) था। -
2021-22 की चौथी तिमाही में सीएडी में क्रमिक गिरावट मुख्य रूप से व्यापार घाटे में कमी और प्राथमिक आय के कम निवल व्यय के कारण थी। -
कंप्यूटर और व्यावसायिक सेवाओं से शुद्ध आय में वृद्धि के कारण, निवल सेवा प्राप्तियों में क्रमिक रूप से और वर्ष-दर-वर्ष (वाई-ओ-वाई) आधार पर वृद्धि हुई। -
निजी अंतरण प्राप्तियां, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा विप्रेषण का प्रतिनिधित्व करती हैं, एक वर्ष पहले के स्तर से 13.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 23.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई। -
प्राथमिक आय खाते से निवल व्यय, जो बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश पर निवल आय भुगतान को दर्शाता है, क्रमिक रूप से और साथ ही वर्ष-दर-वर्ष आधार पर घट गया। -
वित्तीय खाते में, 13.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफ़डीआई) 2020-21 की चौथी तिमाही में 2.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर अधिक था। -
निवल विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) में 15.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बहिर्वाह दर्ज किया गया - मुख्य रूप से इक्विटी बाजार से। -
2021-22 की चौथी तिमाही में भारत के लिए निवल बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि एक वर्ष पहले यह 6.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। -
2020-21 की चौथी तिमाही (सारणी 1) में 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि के मुकाबले विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी के आधार पर) में 16.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी हुई। 2021-22 के दौरान बीओपी -
चालू खाते की शेष राशि में 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद का 1.2 प्रतिशत घाटा दर्ज किया गया, जबकि 2020-21 में 0.9 प्रतिशत अधिशेष था, क्योंकि व्यापार घाटा एक वर्ष पहले के 102.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 189.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। -
सेवाओं के निवल निर्यात और निवल निजी अंतरण प्राप्तियों में वृद्धि के कारण 2021-22 में निवल अदृश्य प्राप्तियां अधिक थीं, भले ही निवल आय व्यय एक वर्ष पहले की तुलना में अधिक था। -
2021-22 में निवल एफडीआई अंतर्वाह 38.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 2020-21 में 44.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम था। -
निवल एफपीआई में एक वर्ष पहले के 36.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अंतर्वाह की तुलना में 2021-22 में 16.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बहिर्वाह दर्ज किया गया। -
भारत में निवल बाह्य वाणिज्यिक उधारों में 2020-21 में 0.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 2021-22 में 7.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया गया। -
2021-22 में, विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में 47.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई। सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें | (बिलियन अमेरिकी डॉलर) | | जनवरी-मार्च 2022 प्रा | जनवरी-मार्च 2021 | 2021-22 प्रा | 2020-21 | | जमा | नामे | निवल | जमा | नामे | निवल | जमा | नामे | निवल | जमा | नामे | निवल | ए. चालू खाता | 218.8 | 232.2 | -13.4 | 173.4 | 181.5 | -8.1 | 798.7 | 837.4 | -38.7 | 603.5 | 579.5 | 24.0 | 1. वस्तु | 118.0 | 172.5 | -54.5 | 91.3 | 133.0 | -41.7 | 429.2 | 618.6 | -189.5 | 296.3 | 398.5 | -102.2 | जिसमें से: | | | | | | | | | | | | | पीओएल | 21.3 | 49.3 | -28.0 | 8.2 | 28.7 | -20.5 | 67.5 | 161.8 | -94.3 | 25.8 | 82.7 | -56.9 | 2. सेवा | 69.9 | 41.6 | 28.3 | 56.0 | 32.5 | 23.5 | 254.5 | 147.0 | 107.5 | 206.1 | 117.5 | 88.6 | 3. प्राथमिक आय | 7.2 | 15.6 | -8.4 | 5.2 | 13.9 | -8.7 | 25.8 | 63.0 | -37.3 | 20.8 | 56.8 | -36.0 | 4. द्वितीयक आय | 23.7 | 2.6 | 21.2 | 20.9 | 2.1 | 18.9 | 89.3 | 8.8 | 80.5 | 80.3 | 6.8 | 73.6 | बी. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा | 182.1 | 167.8 | 14.3 | 162.7 | 153.8 | 8.8 | 777.4 | 739.2 | 38.2 | 599.0 | 622.7 | -23.7 | जिसमें से: | | | | | | | | | | | | | मुद्रा भंडार में परिवर्तन [वृद्धि (-)/कमी (+)] | 16.0 | 0.0 | 16.0 | 0.0 | 3.4 | -3.4 | 16.0 | 63.5 | -47.5 | 0.0 | 87.3 | -87.3 | सी. भुल-चूक (-) (ए+बी) | | 0.9 | -0.9 | | 0.7 | -0.7 | 0.5 | | 0.5 | | 0.3 | -0.3 | प्रा : प्रारंभिक | नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है। | (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/408 |