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वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

8 दिसंबर 2014

वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान
भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

वित्तीय वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही अर्थात जुलाई-सितंबर के लिए भारत के भुगतान संतुलन से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े अब विवरण I और II में उपलब्ध हैं। जबकि विवरण I में बीपीएम6 फार्मेट में बीओपी आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं, विवरण II पुराने फार्मेट के अनुसार आंकड़े प्रस्तुत करता है।

जुलाई-सितंबर 2014 के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

  • भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) पिछली तिमाही में 7.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.7 प्रतिशत) और वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में 5.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) से बढ़कर वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही में 10.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.1 प्रतिशत) हो गया है।

  • सीएडी में वृद्धि मुख्य रूप से निर्यात में कमी और आयात में वृद्धि के कारण उच्च व्यापार घाटे के कारण हुई।

  • बीओपी आधार पर व्यापारिक वस्तुओं की निर्यात वृद्धि वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में 11.9 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही में 4.9 प्रतिशत हो गई।

  • बीओपी आधार पर व्यापारिक वस्तुओं का आयात वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में 4.8 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही में 8.1 प्रतिशत तक बढ़ गया, इसका मुख्य कारण स्वर्ण आयात में तेज वृद्धि रही।

  • निवल सेवा प्राप्तियों में वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही में 3.4 प्रतिशत तक सुधार हुआ, ऐसा दूरसंचार, कंप्यूटर और सूचना सेवाओं में पिछले वर्ष के स्तर से गति पकड़ने के कारण हुआ।

  • प्राथमिक आय (लाभ, लाभांश और ब्याज) के कारण निवल बहिर्वाह वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही में 6.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया जो वर्ष 2013-14 की इस तिमाही (6.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर) और पिछली तिमाही (6.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से अधिक था।

  • वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही में सकल निजी अंतरण प्राप्तियां 17.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहीं जो वर्ष 2013-14 की इस तिमाही की तुलना में थोड़ी अधिक रहीं।

  • वित्तीय खाते में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के माध्यम से निवल प्रवाह स्थिर रहा, तथापि संविभाग निवेश में वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में 6.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बहिर्वाह की तुलना में 9.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया गया।

  • जमा स्वीकार करने वाले निगमों (वाणिज्यिक बैंकों) द्वारा लिए गए ‘ऋण’ (निवल) में वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही में 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बहिर्वाह देखा गया जो समुद्रापारीय उधार के उच्च भुगतान और उनकी समुद्रपारीय विदेशी मुद्रा आस्तियों के निर्माण के कारण हुआ।

  • ‘मुद्रा और जमाराशि’ में वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही में अनिवासी भारतीयों की जमाराशियों का निवल अंतर्वाह कम रहा जो वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में 8.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

  • अन्य क्षेत्रों (अर्थात बाह्य वाणिज्यक उधार) के ऋण (निवल) की राशि 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही जो वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से थोड़ी अधिक है।

  • व्यापार क्रेडिट के अंतर्गत निवल बहिर्वाह और अग्रिम 0.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा जो वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में 1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बहुत कम था यद्यपि पिछली तिमाही में निवल अंतर्वाह हुआ था।

  • बीओपी आधार पर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वर्ष 2014-15 की दूसरी तिमाही में 6.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की निवल अभिवृद्धि हुई जो वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में 10.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम है (सारणी 1)।

सारणी 1: भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें

(बिलियन अमेरिकी डॉलर)

 

जुलाई-सितंबर 2014 (प्रारंभिक)

जुलाई-सितंबर 2013
(
आं. सं.)

अप्रैल-सितंबर 2014-15 प्रारंभिक

अप्रैल-सितंबर 2013-14 प्रारंभिक

जमा

नामे

निवल

जमा

नामे

निवल

जमा

नामे

निवल

जमा

नामे

निवल

ए. चालू खाता

144.1

154.2

-10.1

138.3

143.5

-5.2

283.2

301.2

-17.9

269.3

296.2

-26.9

1. माल

85.3

123.8

-38.6

81.2

114.5

-33.3

167.0

240.2

-73.2

155.2

238.9

-83.8

जिसमें से:

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

पीओएल

18.5

41.9

-23.4

18.4

41.1

-22.7

33.6

82.6

-49.0

32.6

80.3

-47.7

2. सेवाएं

38.4

19.4

19.0

36.7

18.3

18.4

75.9

39.9

36.1

73.2

37.9

35.2

3. प्राथमिक आय

3.0

9.8

-6.9

3.1

9.4

-6.3

5.3

18.9

-13.6

5.6

16.8

-11.2

4. द्वितीय आय

17.5

1.1

16.3

17.3

1.2

16.1

35.0

2.3

32.8

35.3

2.6

32.8

बी. पूंजी खाता और वित्तीय खाता

130.7

118.8

11.8

131.8

126.2

5.6

277.8

257.4

20.5

266.8

240.3

26.5

जिसमें से:

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

मुद्रा भंडार में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+))

0.0

6.9

-6.9

10.4

0.0

10.4

0.0

18.1

-18.1

10.7

0.0

10.7

सी. भुल-चूक (-) (ए+बी)

 

1.7

-1.7

 

0.4

-0.4

 

2.5

-2.5

0.5

 

0.5

पी: प्रारंभिक, पीआर: आंशिक रूप से संशोधित

Note: पूर्णांकन के कारण उप-घटकों के कुल योग समग्र के योग से भिन्न हो सकता है।

अप्रैल-सितंबर 2014 के दौरान भुगतान संतुलन (वर्ष 2014-14 की पहली छमाही)

  • व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात में तुलनात्मक रूप से उच्च वृद्धि और व्यापारिक वस्तुओं के आयात में कम वृद्धि के साथ भारत का व्यापारिक घाटा वर्ष 2013-14 की पहली छमाही में 83.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम होकर वर्ष 2014-15 की पहली छमाही में 73.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

  • निवल सेवा प्राप्तियों में हल्की वृद्धि के साथ कम व्यापार घाटे से सीएडी वर्ष 2014-15 की पहली छमाही में 17.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.9 प्रतिशत) तक पहुंच गया जो वर्ष 2013-14 की पहली छमाही में 26.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 3.1 प्रतिशत) था।

  • पूंजी और वित्तीय लेखा (विदेशी मुद्रा भंडार में बदलाव को छोड़कर) के अंतर्गत निवल अंतर्वाह वर्ष 2013-14 की पहली छमाही में 15.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2014-15 की पहली छमाही में 38.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

  • कम सीएडी और वित्तीय लेखा के अंतर्गत प्रवाह में वृद्धि के परिणामस्वरूप भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वर्ष 2013-14 की पहली छमाही में 10.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2014-15 में बढ़कर 18.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

अल्पना किल्लावाला
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/1176

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