निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम समिति ने भारत में बैंको के लिए विभेदक प्रीमियम की सिफारिश की - आरबीआई - Reserve Bank of India
निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम समिति ने भारत में बैंको के लिए विभेदक प्रीमियम की सिफारिश की
30 सितंबर 2015 निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम समिति ने भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारत में बैंको के लिए विभेदक प्रीमियम प्रणाली पर समिति की रिपोर्ट (अध्यक्ष: श्री जसबीर सिंह) प्रकाशित की। रिपोर्ट पर टिप्पणियां और सुझाव 31 अक्टूबर 2015 तक परामर्शदाता, निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम, भारतीय रिज़र्व बैंक, दूसरी मंजि़ल, मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन के सामने, मुंबई- 400 008 पर अथवा इमेल द्वारा प्रेषित किए जाएं। भारत में, निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम द्वारा निक्षेप बीमा के अंतर्गत वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको (आरआरबी), स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों और सहकारी बैंकों के विशिष्ट निक्षेप शामिल किए जाते हैं। प्रीमियम प्रति वर्ष ₹ 100 के लिए 10 पैसे की एक समान दर से वसूल किया जाता है। अधिकांश विभेदक प्रीमियम प्रणालियों का प्राथमिक उद्देश्य होता है बैंकों को बहुत ज्यादा जोखिम लेने से रोकने, नैतिक जोखिम को कम करने के लिए प्रोत्साहन देना और प्रीमियम निर्धारण प्रणाली में अधिक निष्पक्षता लाना। प्रणाली में निष्पक्षता से निक्षेप बीमा के लिए उद्योग समर्थन की गुंजाइश बढ़ती है। इस परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विश्व भर की निक्षेप बीमा एजेंसियों के बीच बढ़ती मान्यता है कि बैंकों के जोखिम प्रोफाइल पर आधारित डीपीएस की शुरूआत करना जरूरी हो गया है। तदनुसार, मार्च 2015 में भारत में जोखिम आधारित प्रीमियम की शुरूआत करने के संबंध में सिफारिश के लिए बैंकों के लिए विभेदक प्रीमियम प्रणाली पर समिति का गठन किया गया। समिति ने 7 सितंबर 2015 को निगम के अध्यक्ष को रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। संगीता दास प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/790 |