बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - निदेशों की वैधता अवधि को बढ़ाया जाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - निदेशों की वैधता अवधि को बढ़ाया जाना
28 दिसंबर 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र, एक बहुराज्यीय शहरी सहकारी बैंक, को 23 सितंबर 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-1/डी-1/12.22.183/2019-20 द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत 23 सितंबर 2019 को कारोबार की समाप्ति से जमाकर्ताओं के संरक्षण के हित में सर्व-समावेशी निदेश जारी किए गए थे। उक्त निदेशों को अंतिम बार 25 जून 2021 के निदेश द्वारा 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाया गया था। बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 45 की उप-धारा (4) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक का यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (यूएसएफ़बी) के साथ समामेलन की एक मसौदा योजना तैयार की थी। इस मसौदा योजना को 22 नवंबर 2021 को सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था, जिसमें अंतरणकर्ता बैंक (पीएमसी) और अंतरिती बैंक (यूएसएफबी) के सदस्यों, जमाकर्ताओं और अन्य लेनदारों से उक्त अधिनियम की धारा 45(6) (बी) के संदर्भ में 10 दिसंबर 2021 तक सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गई थीं। योजना की स्वीकृति के संबंध में आगे की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। अतएव, उपरोक्त निदेशों को बढ़ाया जाना आवश्यक समझा गया है। तदनुसार, यह जनता की जानकारी के लिए एतदद्वारा अधिसूचित किया जाता है कि 23 सितंबर 2019 के उक्त निदेश की वैधता, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया, 1 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2022 तक की अवधि के लिए बढ़ा दी गई है तथा ये समीक्षाधीन है। संदर्भधीन निदेशों के अन्य सभी नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1435 |