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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश- पंजाब एण्ड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लि. मुंबई, महाराष्ट्र- निदेश की वैधता अवधि में विस्तार और जमकर्ता की आहरण सीमा ₹1,00,000/- तक वृद्धि

19 जून 2020

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत
निदेश- पंजाब एण्ड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लि. मुंबई, महाराष्ट्र-
निदेश की वैधता अवधि में विस्तार और जमकर्ता की आहरण सीमा 1,00,000/- तक वृद्धि

जमाकर्ताओं की सुरक्षा के हित में पंजाब एण्ड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लि. मुंबई, महाराष्ट्र, जो एक बहु-राज्यीय शहरी सहकारी बैंक है, को दिनांक 23 सितंबर 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-1/डी-1/12.22.183/19-20 द्वारा 23 सितंबर 2019 को कारोबार की समाप्ति से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के तहत सर्वसमावेशक निदेशों के अधीन रखा गया है। 5 नवंबर, 2019 को निदेशों के तहत प्रति जमाकर्ता आहरण की सीमा 50,000/- (पचास हजार रुपये केवल) तक बढ़ा दी गई थी और अंतिम बार निदेश की अवधि 21 मार्च 2020 के निदेश द्वारा 22 जून 2020 तक बढ़ा दी गयी थी।

रिज़र्व बैंक, समाधान की संभावना का पता लगाने के लिए बैंक के शेयरधारकों के साथ हमेशा संपर्क में रहा है। हालांकि COVID 19 और महामारी संबंधी निरंतर अनिश्चितता के कारण लॉकडाउन से प्रक्रिया प्रभावित हुई है। इसके अलावा बैंक के नकारात्मक निवल मूल्य की सीमा और अशोध्य ऋणों की वसूली में शामिल कानूनी प्रक्रियाओं से भी बैंक के समाधान में चुनौतियां/सीमाएं उभर रही हैं। फिर भी बैंक के समाधान के लिए विभिन्न शेयरधारकों और अधिकारियों के साथ परामर्श जारी है। इसलिए इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए छह महीने की अवधि के लिए पूर्वोक्त निदेशों का विस्तार करना आवश्यक हो गया है।

तदनुसार, आम जनता के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि समय-समय पर संशोधित 23 सितंबर 2019 के उपरोक्त निदेश की वैधता 23 जून 2020 से 22 दिसंबर 2020 तक अगले छह महीने के लिए बढ़ा दी गई है तथा यह निदेश समीक्षाधीन रहेंगे।

इसके अलावा बैंक की चलनिधि की स्थिति और जमाकर्ताओं को भुगतान करने की इसकी क्षमता की समीक्षा करने के बाद, प्रचलित COVID-19 स्थिति के दौरान जमाकर्ताओं की कठिनाइयों को कम करने की दृष्टि से यह भी निर्णय लिया गया है कि प्रति जमाकर्ता आहरण की सीमा बढ़ाकर 1,00,000/- (केवल एक लाख रुपये) कर दी जाए, जिसमें पहले अनुमत 50,000 भी शामिल है। उपरोक्त छूट के साथ बैंक के 84% से अधिक जमाकर्ता अपने खाते से पूरी राशि निकाल सकेंगे।

संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी निबंधन एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।

रिज़र्व बैंक बारीकी से स्थिति की निगरानी कर रहा है और निरंतर रूप से बैंक जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाना जारी रखेगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/2519

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