बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 (क) के अंतर्गत निदेश – सीकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान - वैधता अवधि बढ़ाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 (क) के अंतर्गत निदेश – सीकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान - वैधता अवधि बढ़ाना
08 नवंबर 2019 बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 (क) के अंतर्गत सीकर अर्बन को-ऑपरटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान को दिनांक 26 अक्तूबर 2018 के निदेश द्वारा 9 नवम्बर 2018 को कारोबार की समाप्ति से छह महीनों की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा गया था तथा ये निदेश समीक्षाधीन थे। निदेशों की वैधता को पिछली बार दिनांक 2 मई 2019 के निदेश द्वारा 9 नवम्बर 2019 तक छह महीनों के लिए बढ़ाया गया था तथा ये निदेश समीक्षाधीन थे। जनता की सूचनार्थ एतद्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 (क) की उपधारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश देता है कि दिनांक 26 अक्टूबर 2018 के निदेश के माध्यम से उपर्युक्त बैंक को जारी निदेश, जिसकी वैधता अवधि दिनांक 09 नवम्बर 2019 तक बढाई गई थी, अब बैंक पर दिनांक 10 नवम्बर 2019 से 09 मई 2020 तक आगे छह महीनों के लिए लागू रहेंगे जिसकी सूचना दिनांक 30 अक्तूबर 2019 के निदेश के माध्यम से दी गई है तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। संदर्भाधीन निदेश के अन्य निबंधन एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दिनांक 30 अक्तूबर 2019 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचनार्थ लगाई गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक को जारी लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निर्देशों के संशोधनों पर विचार कर सकता है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1146 |