बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार
04 दिसंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को 3 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से 4 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को पिछली बार इन निदेशों की अवधि को 30 सितंबर 2020 के आदेश सं. DOR.CO.AID/.No.D-24/12.22.254/2020-21 के माध्यम से समीक्षा के अधीन रखते हुए बढ़ाया गया था और ये निदेश 4 दिसंबर 2020 तक वैध हैं। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू), की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप धारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा यह निदेश देता है कि 3 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19, समय-समय पर संशोधित, जिसकी वैधता अवधि 04 दिसंबर 2020 तक बढ़ाई गई थी, यह निदेश शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे महाराष्ट्र पर 05 दिसंबर 2020 से 04 मार्च 2021 तक आगे 3 महीनों के लिए वैध रहेंगे जिसकी सूचना 02 दिसंबर 2020 के निदेश सं DOR.CO.AID.No.D-37/12.22.254/2020-21 के माध्यम से दी गई है, तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। 3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करने वाले 2 दिसंबर 2020 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। 4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढ़ाने और/या संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/728 |