बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – श्री आनंद को-ओपरेटिव बैंक लि., चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – श्री आनंद को-ओपरेटिव बैंक लि., चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र
24 सितंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – श्री आनंद को-ओपरेटिव बैंक लि., चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र को दिनांक 21 जून 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-16/12.22.474/2018-19 के माध्यम से दि. 25 जून 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों तक निदेशाधीन रखा गया था। पिछली बार इन निदेशों की वैधता को दि. 19 मार्च 2020 के आदेश सं.DOR.CO.AID./No.D-65/12.22.474 /2019-20 के माध्यम से दि. 24 सितंबर 2020 तक बढ़ाया गया था । 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू), की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप धारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 21 जून 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-16/12.22.474/2018-19, समय-समय पर संशोधित, जिसकी वैधता अवधि दि. 24 सितंबर 2020 तक बढ़ाई गई थी, यह निदेश श्री आनंद को-ओपरेटिव बैंक लि., चिंचवड, पर दि.25 सितंबर 2020 से दि. 24 दिसंबर 2020 तक आगे तीन महीनों के लिए वैध रहेंगे जिसकी सूचना दि. 22 सितंबर 2020 के निदेश सं DOR.CO.AID/.No.D-23/12.22.474/2020-21 के माध्यम से दी गई है, तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। 3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करने वाले दि. 22 सितंबर 2020 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। 4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढ़ाने और/या संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/379 |