17 नवंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के तहत निदेश - मंथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मंथा जिला: जालना, महाराष्ट्र जनता के सूचनार्थ एतदद्वारा अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 (ए) की उपधारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने मंथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मंथा जिला: जालना, महाराष्ट्र को कुछ निदेश जारी किए हैं जिसके अनुसार, 17 नवंबर 2020 को कारोबार समाप्ति से, उपरोक्त बैंक, रिज़र्व बैंक की लिखित रूप में पूर्व स्वीकृति के बिना कोई भी ऋण और अग्रिम प्रदान या नवीनीकरण नहीं करेगा, न ही कोई निवेश करेगा, कोई देयता निर्मित करेगा जिसमें निधि का उधार और नए जमा की स्वीकृति शामिल हो, किसी भी भुगतान को संवितरित करना या संवितरित करने के लिए सहमत होना चाहे इसके निर्वहन में देयताएं और बाध्यताएं या अन्यथा, किसी भी समझौता या करार में प्रवेश नहीं करेगा, जैसा कि 13 नवंबर 2020 के रिज़र्व बैंक के निदेश, जिसकी एक प्रति जनता के लिए, बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है, में अधिसूचित किया गया है के अलावा, अपनी किसी भी आस्ति या संपत्ति को बेचने, हस्तांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, सभी बचत बैंक या चालू खाते या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि की कोई भी जमा राशि भारतीय रिज़र्व बैंक के उक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन आहरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी । रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों को रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों के संशोधनों पर विचार कर सकता है। ये निदेश 17 नवंबर 2020 के कारोबार समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे और जो समीक्षाधीन हैं । (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/648 |