बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 क के अंतर्गत निदेश – पीपुल्स कोआपरेटिव बैंक लिमि., कानपुर. उत्तर प्रदेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 क के अंतर्गत निदेश – पीपुल्स कोआपरेटिव बैंक लिमि., कानपुर. उत्तर प्रदेश
11 जून 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 क के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित को देखते पीपुल्स कोआपरेटिव बैंक लिमि., कानपुर, उत्तर प्रदेश को कतिपय निदेश जारी करना आवश्यक है। तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद द्वारा यह निदेश देता है कि पीपुल्स कोआपरेटिव बैंक लिमि., कानपुर 10 जून 2020 को कारोबार की समाप्ति से, भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर नहीं करेगा या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा से संबंधित क्यों न हो, कोई समझोता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को रिज़र्व बैंक के दिनांक 9 जून 2020 के निदेश, जिसकी प्रति जनता के हित रखनेवाले सदस्यों के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई हैं, में निहित के सिवाय न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्यथा रीति से उसका निपटान करेगा। विशेषकर, सभी जमाकर्ताओं के बचत खातों, चालू खातों और /अथवा अन्य जमा खातों मे अवषेश सकल राशि में से कोई भी निकासी की अनुमति नहीं होगी। रिज़र्व बैंक के उक्त निदेश हितधारक सदस्यों के अवलोकनार्थ बैंक मे उपलब्ध रहेंगे। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। समय-समय पर की जाने वाली समीक्षा के अधीन ये अनुदेश 10 जून 2020 को कारोबार समाप्ति के उपरांत से छह महीने की अवधि तक प्रभावी बने रहेंगे। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2483 |