बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949, (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश - पद्मश्री डॉ विट्ठलराव विखे पाटिल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र - अवधि को बढ़ाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949, (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश - पद्मश्री डॉ विट्ठलराव विखे पाटिल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र - अवधि को बढ़ाना
17 सितंबर 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949, (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनहित में, पद्मश्री डॉ विट्ठलराव विखे पाटिल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए 19 मई 2018 को कारोबार की समाप्ति से निदेश जारी किए थे। इन निदेशों को समय-समय पर संशोधित किया गया था, जिसकी वैधता पिछली बार 17 सितंबर 2021 तक बढ़ाई गई थी। ये निदेश बैंक पर 18 सितंबर 2021 से 17 दिसंबर 2021 तक अगले तीन महीनो की अवधि के लिए लागू रहेंगे, जो कि समीक्षाधीन होगा। उक्त निदेश जमाराशि की निकासी/स्वीकृति पर कुछ प्रतिबंध और/ या उच्चतम सीमा निर्धारित करते हैं। निदेश की प्रतिलिपि इच्छुक जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है। निदेश जारी करने का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/883 |