बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – द्वारकादास मंत्री नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – द्वारकादास मंत्री नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड
9 मार्च 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित जन साधारण के सूचनार्थ एतदद्वारा यह सूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप-धारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 9 मार्च 2022 के निदेश संदर्भ सं. डीओएस.सीओ.एनएसयूसीबीएस-पश्चिम/डी-4/S3706/12.07.005/2021-22 द्वारा द्वारकादास मंत्री नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके तहत 9 मार्च 2022 को कारोबार की समाप्ति से उक्त बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही भुगतान, उनकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और आरबीआई के दिनांक 9 मार्च 2022 के निदेश, जिसकी प्रति इच्छुक जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई हैं, में अधिसूचित के अलावा अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्यथा रीति से उसका निपटान करेगा। विशेष रूप से, उपरोक्त आरबीआई निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि से ₹5,000/- (पाँच हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 2. आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेश का यह अर्थ न लगाया जाए कि आरबीआई द्वारा बैंक का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। 3. ये निदेश 9 मार्च 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे और समीक्षाधीन रहेंगे। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1839 |