बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश - साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश - साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर
22 जुलाई 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश संदर्भ सं. सीओ.डीओएस.एसईडी.सं.एस2598/12-07-005/2022-2023 द्वारा साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके अंतर्गत 22 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से, उपर्युक्त बैंक आरबीआई से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, आरबीआई के दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेशों, जिसकी एक प्रति इच्छुक जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथा अधिसूचित को छोड़कर, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर या उसका नवीनीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देयताओं और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्यथा उसका निपटान करेगा। विशेष रूप से, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) तक की राशि के आहरण की अनुमति, आरबीआई के उपर्युक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन, दी जा सकती है। 2. आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का यह अर्थ न लगाया जाए कि आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। 3. ये निदेश 22 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए प्रभावी होंगे तथा ये समीक्षाधीन रहेंगे। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/584 |