बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत जारी निदेश – शंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, इचलकरंजी, कोल्हापुर - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत जारी निदेश – शंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, इचलकरंजी, कोल्हापुर
13 मई 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 ए की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मई 2022 के निदेश संदर्भ सं. सीओ.डीओएस.डीएसडी.सं.एस782/12-07-005/2022-23 द्वारा शंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, इचलकरंजी, कोल्हापुर को कतिपय निदेश जारी किए गए हैं, जिसके अंतर्गत 13 मई 2022 को कारोबार की समाप्ति से, उपर्युक्त बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, भारतीय रिज़र्व बैंक के 13 मई 2022 के निदेशों में यथा अधिसूचित को छोड़कर, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर या उसका नवीनीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्यथा उसका निपटान करेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेश की प्रति इच्छुक जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में और वेबसाइट पर प्रदर्शित की गई है। बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई भी राशि आहरित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, परंतु उपरोक्त आरबीआई निदेश में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमा के विरुद्ध ऋण को समायोजित करने की अनुमति है। तथापि, 99.84 प्रतिशत जमाकर्ता पूरी तरह से डीआईसीजीसी बीमा योजना के अंतर्गत आते हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उक्त निदेश का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक निदेशों में उल्लिखित प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। ये निदेश 13 मई 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए प्रभावी होंगे और समीक्षाधीन रहेंगे। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/214 |