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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी निदेश – शुश्रुति सौहरदा सहकारा बैंक नियामिता, बंगलोर

07 अप्रैल 2022

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित
धारा 35ए के अंतर्गत जारी निदेश – शुश्रुति सौहरदा सहकारा बैंक नियामिता, बंगलोर

जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि बैं‍ककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 07 अप्रैल 2022 के निदेश संदर्भ सं. सीओ.डीओएस.डीएसडी.सं.एस98/10-01-023/2022-23 द्वारा शुश्रुति सौहरदा सहकारा बैंक नियामिता, बंगलोर को कतिपय निदेश जारी किए गए हैं, जिसके अंतर्गत 7 अप्रैल 2022 को कारोबार की समाप्ति से, उपर्युक्‍त बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, भारतीय रिज़र्व बैंक के 7 अप्रैल 2022 के निदेशों में यथा अधिसूचित को छोड़कर, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर या उसका नवीनीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्‍वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्‍वों की चुकौती से या अन्‍यथा संबंधित क्‍यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्‍यथा उसका निपटान करेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्‍त निदेश की प्रति इच्छुक जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्‍येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्‍य जमा खाते में, कुल शेष राशि में से रु.5,000/- (पांच हजार रुपए मात्र) से अधिक राशि आहरित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

2. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उक्‍त निदेश का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्‍तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।

3. ये निदेश 07 अप्रैल 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए प्रभावी होंगे और समीक्षाधीन रहेंगे।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/33

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