बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत जारी निदेश – श्री मल्लिकार्जुन पटाना सहकारी बैंक नियमित, मस्की, कर्नाटक - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत जारी निदेश – श्री मल्लिकार्जुन पटाना सहकारी बैंक नियमित, मस्की, कर्नाटक
19 जुलाई 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित जन साधारण के सूचनार्थ एतद् द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा श्री मल्लिकार्जुन पटाना सहकारी बैंक नियमित, मस्की को कतिपय निदेश संदर्भ बीएलआर.डीओएस.एसएसएमएस.नं. एस 558/13-03-225/2022-23 दिनांक 15 जुलाई, 2022 के तहत जारी किए गए हैं, जिनके द्वारा 18 जुलाई, 2022 को कारोबार की समाप्ति से, उपर्युक्त बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, भारतीय रिज़र्व बैंक के 15 जुलाई, 2022 के निदेशों, जिसकी प्रति इच्छुक जन साधारण के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथा अधिसूचित को छोड़कर, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर या उसका नवीनीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्यथा उसका निपटान करेगा । बैंक की वर्तमान चलनिधि (लिक्विडिटी) स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि आहरित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन आरबीआई के उपर्युक्त निदेशों में वर्णित शर्तों के अधीन जमा राशियों के बदले ऋण निर्धारित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जाती है । तथापि, 99.53 प्रतिशत जमाकर्ता पूरी तरह से डीआईसीजीसी बीमा योजना द्वारा कवर किए गए हैं। 2. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त निदेश जारी किए जाने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग का लायसेंस रद्द कर दिया है । बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक निदेशों में उल्लिखित प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा । भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। 3. ये निर्देश 18 जुलाई, 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन हैं। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/555 |