बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के तहत निदेश – मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा – निदेशों की अवधि का विस्तार और आहरण सीमा में छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के तहत निदेश – मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा – निदेशों की अवधि का विस्तार और आहरण सीमा में छूट
31 अक्टूबर 2019 बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के तहत निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के तहत मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा को 26 अप्रैल 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-13/12.22.158/2018-19 द्वारा 2 मई 2019 के कारोबार की समाप्ति से निदेश जारी किए जो 2 नवंबर 2019 तक वैध है। वर्तमान निदेशों के अनुसार, अन्य शर्तों के साथ, प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते या किसी भी अन्य जमा खाते में कुल शेष राशि में से ₹ 5,000/- रुपये से अनधिक राशि आहरित करने की जमाकर्ता को अनुमति दी गयी थी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्त बैंक की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की है और जनहित में आवश्यक पाया है कि पूर्वोक्त निदेशों को संशोधित किया जाए । तदनुसार, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उपधाराओं (1) और (2) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि दिनांक 26 अप्रैल 2019 को मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा को जारी निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-13/12.22.158/2018-19 के पैरा 1(i) को निम्नानुसार संशोधित किया जाए : “i. प्रत्येक बचत बैंक खाते या चालू खाते या आवधिक जमा खाते या किसी अन्य जमा खाते (जिस नाम से भी है) में शेष कुल राशि में से ₹ 30,000/- (रुपए तीस हजार केवल) से अनधिक राशि जमाकर्ता द्वारा निकाले जाने की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते कि ऐसे जमाकर्ता की किसी भी प्रकार से बैंक के प्रति देयता हो, अर्थात उधारकर्ता या ज़मानती के रूप में, जिसमें बैंक जमाओं के विरुद्ध ऋण शामिल हो तो राशि को पहले संबंधित उधारकर्ता खाते में समायोजित किया जा सकता है।” जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए आवश्यक राशि बैंक द्वारा एस्क्रौ खाते और/या निर्धारित प्रतिभूतियों में अलग से रखी जानी चाहिए जिसका उपयोग बैंक द्वारा केवल संशोधित निदेशों के अनुसार जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, मडगांव अर्बन को- ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा को जारी दिनांक 26 अप्रैल 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-13/12.22.158/2018-19 के परिचालन की अवधि में विस्तार करना आवश्यक है। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश देता है कि मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा को जारी दिनांक 26 अप्रैल 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-13/12.22.158/2018-19 जिसकी वैधता 02 नवंबर 2019 तक थी, को बैंक पर आगे 03 नवंबर 2019 से 02 मई 2020 तक छह माह की अवधि के लिए बढ़ा दिया जाए जो समीक्षाधीन रहेगें। संदर्भाधीन निदेश के अन्य निबंधन एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1063 |