बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश- श्री गुरु राघवेंद्र सहकार बैंक नियमित, बेंगलुरु, कर्नाटक – जमाकर्ताओं के लिए आहरण सीमा बढ़ाकर ₹1 लाख की गई - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश- श्री गुरु राघवेंद्र सहकार बैंक नियमित, बेंगलुरु, कर्नाटक – जमाकर्ताओं के लिए आहरण सीमा बढ़ाकर ₹1 लाख की गई
19 जून 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश- श्री गुरु राघवेंद्र सहकार बैंक नियमित, बेंगलुरु, कर्नाटक को जमाकर्ता सुरक्षा के हित में दिनांक 02 जनवरी 2020 के निदेश डीओएस.सीओ.यूसीबी.बीएसडी-III डी-2/12.23.283/2019-20 द्वारा 10 जनवरी 2020 को कारोबारी समय समाप्त होने के बाद से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत सर्व-समावेशी निदेशों के अंतर्गत रखा गया था। मौजूदा निदेशों के अंतर्गत प्रति जमाकर्ता आहरण सीमा ₹35,000/- है। बैंक की चलनिधि और जमाकर्ताओं को भुगतान करने की स्थिति की समीक्षा करने के बाद प्रति जमाकर्ता आहरण सीमा को बढ़ाकर ₹1,00,000/- (1 लाख रूपए मात्र) करने का निर्णय लिया गया है जिसमें पहले अनुमत ₹35,000/- भी शामिल है। उपर्युक्त रियायत के बाद, बैंक के 54% से अधिक जमाकर्ता अपने खाते का पूरा जमाशेष आहरित कर सकेंगे। संदर्भित निदेश के अन्य सभी नियम व शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2522 |