बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लि., पुणे, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लि., पुणे, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना
11 जुलाई 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– दि सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लि., पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 12 अक्टूबर 2021 के निदेश सं. डीओएस.सीओ.एनएसयूसीबीएस-पश्चिम/डी-1/12.22.252/2021-22 के माध्यम से 12 अक्टूबर 2021 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनों तक निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता की अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और इसे पिछली बार दिनांक 12 जुलाई 2022 तक बढ़ाया गया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि उक्त निदेश 11 जुलाई 2022 के निदेश सं डीओआर.एमओएन/डी-20/12.22.252/2022-23 के अनुसार बैंक पर दिनांक 12 अक्तूबर 2022 तक लागू रहेंगे तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। 3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करने वाले दिनांक 11 जुलाई 2022 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। 4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढ़ाने और/ या संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/513 |