बैंककारी विनियमन अधिनियम (सहकारी समितियों पर यथा लागू), 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के तहत निदेश - इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड लखनऊ - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम (सहकारी समितियों पर यथा लागू), 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के तहत निदेश - इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड लखनऊ
28 जनवरी 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम (सहकारी समितियों पर यथा लागू), 1949 की धारा 56 के साथ जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह सूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम (एएसीएस), 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप धारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 28 जनवरी 2022 के निदेश संदर्भ सं. डीओएस.सीओ.ओसीसीडी/185569/12.28.007/2021-22 के माध्यम से इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड लखनऊ को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिससे 28 जनवरी 2022 की कारोबार की समाप्ति से, बैंक, आरबीआई की पूर्व लिखित स्वीकृति के बिना किसी ऋण और अग्रिमों को मंजूर या नवीनीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियों के उधार और नई जमा राशि की स्वीकृति सहित किसी भी देयता का वहन नहीं करेगा, किसी भी भुगतान का संवितरण नहीं करेगा या किसी भी संवितरण के लिए सहमत नहीं होगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों या अन्यथा के निर्वहन में हो, किसी भी समझौते या प्रक्रिया में शामिल नहीं होगा और दिनांक 28 जनवरी 2022 के आरबीआई के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्छुक जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में लगाई गई है, में अधिसूचित के अलावा अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति की बिक्री, हस्तांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, जमाकर्ता के सभी बचत खातों या चालू खातों या किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹100,000 (एक लाख रुपये मात्र) तक की राशि को आरबीआई के उपर्युक्त निदेशों में बताई गई शर्तों के अधीन निकालने की अनुमति दी जा सकती है। 2. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त निदेशों को जारी करने का अर्थ आरबीआई द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द किए जाने के रूप में न लगाया जाए। आरबीआई की अगली अधिसूचना तक बैंक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। 3. ये निदेश 28 जनवरी 2022 की कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन हैं। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1634 |