बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार गोमती नगरीय सहकारी बैंक लि., जौनपुर (उत्तर प्रदेश) - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार गोमती नगरीय सहकारी बैंक लि., जौनपुर (उत्तर प्रदेश)
10 जनवरी 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचित करता है कि गोमती नगरीय सहकारी बैंक लि., जौनपुर (उत्तर प्रदेश) पर लागू दिनांक 03 जुलाई 2017 के निदेश में शिथिलता बरतते हुए संशोधित कर दिया गया है। अब संशोधित निदेश में दी गई शर्तों के अधीन प्रत्येक जमाकर्ता को ₹ 30,000/- (तीस हजार मात्र) तक की राशि आहरित करने की अनुमति है। 03 जुलाई 2017 के निदेश के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे। साथ ही भारतीय रिज़र्व बैंक यह भी अधिसूचित करता है कि गोमती नगरीय सहकारी बैंक लि., जौनपुर (उत्तर प्रदेश), बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35ए के अंतर्गत जारी निदेश के तहत 10 जुलाई 2017 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन है। उपर्युक्त निदेश को 08 जनवरी 2018 के भारतीय रिज़र्व बैंक के संशोधित निदेश के माध्यम से 10 जुलाई 2018 तक बढ़ाया गया है, जो कि समीक्षाधीन होगा। 08 जनवरी 2018 के निदेश की प्रतिलिपि आम जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है। उक्त रियायत जमाकर्ताओं की कठिनाई को कम करने के उद्देश्य से प्रदान की गई है। अत: इसका तात्पर्य उक्त बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार या गिरावट से नहीं लगाया जाना चाहिए। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/1897 |