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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – गोमती नगरीय सहकारी बैंक लि., जौनपुर (उत्तर प्रदेश)

11 जुलाई 2017

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – गोमती
नगरीय सहकारी बैंक लि., जौनपुर (उत्तर प्रदेश)

भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित को देखते हुए गोमती नगरीय सहकारी बैंक लि., जौनपुर (उत्तर प्रदेश) को कतिपय निदेश जारी करना आवश्यक है। तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा यह निदेश देता है कि गोमती नगरीय सहकारी बैंक लि., जौनपुर (उत्तर प्रदेश) 10 जुलाई 2017 को कारोबार की समाप्ति से, भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, नीचे बताई गई सीमा और रीति को छोडकर, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर नहीं करेगा या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा, भले ही भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा से संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्यथा रीति से उसका निपटान करेगा।

  1. प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्य जमा खाते में, उसे चाहे जिस किसी भी नाम से पुकारा जाए, कुल शेष में से प्रत्येक जमाकर्ता को 1,000/- (एक हजार रुपये मात्र) से अनधिक की राशि आहरित करने की अनुमति दी जाए, बशर्ते ऐसे जमाकर्ता या जमानतदार की बैंक के प्रति कोई देनदारियाँ हों तो उस राशि को पहले संबंधित उधार खाते/खातों में समायोजित किया जाए।

  2. परिपक्वता पर मौजूदा मीयादी जमाराशि का नवीकरण उसी नाम और उसी क्षमता में किया जाए।

  3. उपर्युक्त निदेश के अंतर्गत दी गई अनुमति के अनुसार ऐसा व्यय।

  4. सरकारी/एसएलआर अनुमोदित प्रतिभूतियों में निवेश किया जा सकता है।

जब तक की भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लिखित रूप में विशिष्ट रूप से अनुमोदित न किया गया हो, बैंक न तो कोई अन्य देयताएं अपने ऊपर लेगा और न ही उनका निपटान करेगा।

हित रखनेवाले जन सदस्यों के अवलोकनार्थ विस्तृत निदेश बैंक परिसर में प्रदर्शित किए गए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा।

समय-समय पर की जाने वाली समीक्षा के अधीन ये अनुदेश 10 जुलाई 2017 को कारोबार समाप्ति के उपरांत से छह महीने की अवधि तक प्रभावी बने रहेंगे।

शैलजा सिंह
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/101

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