बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – श्री गणेश सहकारी बैंक लि., नाशिक, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – श्री गणेश सहकारी बैंक लि., नाशिक, महाराष्ट्र
3 अक्टूबर 2017 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत श्री गणेश सहकारी बैंक लि., नाशिक, महाराष्ट्र को दिनांक 01 अप्रैल 2013 के निदेश के माध्यम से 2 अप्रैल, 2013 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधी को 24 मार्च, 2017 के निदेश के माध्यम से बढाया गया और ये निदेश 29 सितम्बर 2017 तक वैध तथा समीक्षाधीन थे। जन साधारण की सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए समय समय पर यथासंशोधित किए गए 01 अप्रैल 2013 के निदेश जिसकी वैधता समय समय पर हमारे संशोधित निदेश से बढा दी गई थी तथा पिछली बार दिनांक 24 मार्च 2017 के संशोधित निदेश द्वारा छ: माह के लिए 29 सितम्बर 2017 तक बढायी गयी थी को बैंक पर 30 सितम्बर 2017 से 29 मार्च 2018 तक आगे छ: महीनों के लिए वैध रखा गया है, जिसकी सूचना 25 सितम्बर 2017 के संशोधित निदेश के माध्यम से दी गई है, तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दिनांक 25 सितम्बर 2017 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/ और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/910 |