बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के तहत निदेश - श्री गणेश सहकारी बैंक लि., नासिक, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के तहत निदेश - श्री गणेश सहकारी बैंक लि., नासिक, महाराष्ट्र
30 मार्च 2017 बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के तहत निदेश- श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35ए के तहत दिनांक 01 अप्रैल, 2013 से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को क्रमशः दिनांक 23 सितंबर, 2013, 27 मार्च, 2014, 17 सितंबर 2014, 19 मार्च 2015, 15 सितंबर 2015, 11 मार्च 2016 और 26 सितंबर 2016 के निदेशों के माध्यम से हर बार छह महीने की अवधि के लिए सात बार बढ़ाया गया था। । इसके अलावा, 18 जुलाई, 2016 के निदेश के माध्यम से निकासी सीमा बढ़ाकर ₹50,000 कर दी गई। ये निदेश 29 मार्च 2017 तक वैध थे। भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्त बैंक की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की है और जनहित में पूर्वोक्त निदेशों को संशोधित करना आवश्यक माना है। तदनुसार, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धाराओं (1) और (2) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक ने निदेश दिया कि- श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक को दिनांक 18 जुलाई 2016 को जारी निदेश के पैराग्राफ 1 (i) को निम्नानुसार संशोधित किया जा सकता है: “i. प्रत्येक बचत बैंक खाते या चालू खाते या सावधि जमा खाते या किसी अन्य जमा खाते (जिस भी नाम कहा जाता हो) से ₹ 70,000/- (केवल सत्तर हजार रुपये) तक की राशि जमाकर्ता द्वारा निकाले जाने की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते कि ऐसे जमाकर्ता को किसी भी तरीके से बैंक के प्रति देयता हो, यानी या तो उधारकर्ता या प्रतिभू के रूप में, जिसमें बैंक जमा के एवज में ऋण भी शामिल हो, राशि को पहले संबंधित उधारकर्ता खाते से समायोजित किया जा सकता है। जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए आवश्यक राशि बैंक द्वारा एस्क्रौ खाते में और / या चिन्हित प्रतिभूतियों में रखी जानी चाहिए, जिसका उपयोग संशोधित निदेश के अनुसार बैंक द्वारा केवल जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए किया जाएगा।" इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में, श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक को जारी दिनांक 01 अप्रैल, 2013 के निदेश की परिचालन अवधि को अगले छः माह के लिए बढ़ाया जाना आवश्यक है। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतदद्वारा निदेश देता है कि श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र को जारी दिनांक 1 अप्रैल 2013 के निदेश जिसकी वैधता 29 मार्च 2017 तक बढाई गयी थी, अब 30 मार्च 2017 से 29 सितंबर 2017 तक अगले छः माह के लिए लागू रहेगी तथा ये समीक्षाधीन रहेगी। बैंक में पुनरुद्धार प्रक्रिया की सहायता के लिए, बैंक को नियमित और सुरक्षित कैश क्रेडिट खातों को नवीनीकृत करने, जमा के एवज में ऋण का निपटान करने और नए सदस्यों को जोड़ने देने की अनुमति है, जो 24 मार्च 2017 के आदेश में निर्धारित निबंधन एवं शर्तों के अधीन है। संदर्भाधीन निदेश की अन्य निबंधन और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त विस्तार और संशोधनों को अधिसूचित करने वाले 24 मार्च 2017 के निदेश की एक प्रति जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गयी है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पूर्वोक्त विस्तार और / या संशोधनों का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक बैंक की वित्तीय स्थिति में पर्याप्त सुधार से संतुष्ट है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/2618 |