बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (एएसीएस) की धारा 35ए के अंतर्गत निर्देश द भुज मर्केन्टाइल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात) - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (एएसीएस) की धारा 35ए के अंतर्गत निर्देश द भुज मर्केन्टाइल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात)
3 अप्रैल 2012 बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (एएसीएस) की धारा 35ए के अंतर्गत निर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत द भुज मर्केन्टाइल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात) को कतिपय निर्देश जारी किए हैं जिसके द्वारा 02 अप्रैल 2012 को कारोबार की समाप्ति से उपर्युक्त बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित पूर्वानुमति के बिना किसी ऋण और अग्रिम की संस्वीकृति अथवा नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियों के उधार और नई जमाराशियों के स्वीकरण सहित कोई देयता नहीं लेगा, चाहे अपनी देयताओं अथवा किसी अन्य प्रकार के निपटान के लिए संवितरण नहीं करेगा अथवा किसी भुगतान के संवितरण के लिए सहमत नहीं होगा, कोई समझौता अथवा करार और बिक्री नहीं करेगा, अंतरण अथवा अन्य प्रकार से उस सीमा तक और दिनांक 02 अप्रैल 2012 के भारतीय रिज़र्व बैंक निर्देश में यथा अधिसूचित तरीके को छोड़कर जिसकी एक प्रति इच्छुक आम जनता के अवलोकन हेतु प्रदर्शित की गई है,अपनी किसी संपत्ति अथवा आस्ति का निपटान नहीं करेगा। तथापि, बैंक को अनुमति दी गई है कि वह प्रत्येक बचत अथवा चालू खाता अथवा किसी अन्य जमा खाता चाहे वह किसी भी नाम से जाना जाता हो में कुल शेष के अधिकतम ₹10,000/- तक की राशि के आहरण की अनुमति प्रदान करे। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त निर्देशों को जारी करने को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस का स्वतः निरसन नहीं माना जाए। यह बैंक प्रतिबंधों के साथ तब तक बैंकिंग कारोबार जारी रखेगा जब तक इसकी वित्तीय स्थिति में सुधार नहीं होता है। ये निर्देश 02 अप्रैल 2012 को कारोबार की समाप्ति से छह महीनों की अवधि तक लागू रहेंगे और ये समीक्षाधीन होंगे। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी :2011-2012/1583 |