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बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश- द भुज मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लि. अहमदाबाद, गुजरात

19 सितंबर 2013

बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू)
की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश- द भुज मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लि. अहमदाबाद, गुजरात

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 की धारा 35ए (सहकारी समितियों पर यथालागू) की उप-धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए द भुज मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लि. अहमदाबाद, गुजरात पर कतिपय निदेश लागू किए हैं जिसके द्वारा 2 अप्रैल 2012 को बैंकिंग कारोबार की समाप्ति से उपर्युक्त बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित अनुमोदन के बिना किसी ऋण अथवा अगिम की न तो स्वीकृति देगा या नवीकरण करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियों के उधार और नई जमाराशियों की स्वीकृति सहित कोई देयता धारित नहीं करेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा अथवा इसके लिए सहमत नहीं होगा चाहे वह उसकी देयताओं या दायित्वों अथवा अन्य प्रकार से किया जाने वाला हो, कोई समझौता अथवा करार नहीं करेगा तथा 2 अप्रैल 2012 के भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों में यथा अधिसूचित मात्रा और तरीके के सिवा अपनी किसी संपत्ति, आस्ति की बिक्री, अंतरण या अन्य प्रकार का कोई निपटान नहीं करेगा। बैंक को जमा खाते से 10,000/- (दस हजार रुपए मात्र) तक की राशि आहरित करने की अनुमति दी गई जिसे 18 मई 2012 और 19 नवंबर 2012 के निदेशों के अनुसार संशोधित करते हुए बढ़ाकर 30,000/- और तब 70,000/- किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक ने 12 सितंबर 2013 के अपने निदेश के अनुसार 2 अप्रैल 2012 को यूबीडी.सीओ.बीएसडी. II सं. डी-77/12.21.289/2011-12 के अनुसार जारी निदेशों की वैधता को और आगे बढ़ाते हुए 2 अप्रैल 2014 कर दिया है। इसके अतिरिक्त 2 अप्रैल 2012 के निदेश की मद सं.(1) और पूर्व में संशोधित क्रमश: 18 मई 2012 और 19 नवंबर 2012 के निदेशों को संशोधित करते हुए प्रत्येक जमाकर्ता को 1,00,000/- (एक लाख रुपए मात्र) (पहले से अनुमत 70,000/- सहित) आहरित करने की अनुमति दी गई है चाहे वह जिस किसी नाम से पुकारा जाता हो बशर्ते जहां ऐसे जमाकर्ता की बैंक के पास किसी भी प्रकार की देयता अर्थात् उधारकर्ता अथवा जमानतदार होतो सबसे पहले वह राशि संबंधित उधारकर्ता खाते में समायोजित की जाए। 2 अप्रैल 2012 के निदेशों की अन्य शर्ते अपरिवर्तनीय रहेंगी। 12 सितंबर 2013 के निदेशों की एक प्रति इच्छुक आम जनता के अवलोकन के लिए बैंक परिसर में प्रदर्शित की जाए।

ये निदेश 2 अप्रैल 2014 तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन होंगे।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/601

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