बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
31 जुलाई 2017 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश के माध्यम से 2 मई, 2014 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधी को 27 जनवरी, 2017 के आदेश के माध्यम से बढाया गया और ये निदेश 31 जुलाई 2017 तक समीक्षा के अधीन वैध रहे। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि समय समय पर यथासंशोधित 30 अप्रैल 2014 के निदेश के माध्यम से उपर्युक्त बैंक को जारी निदेशों; जिसकी वैधता अवधि 31 जुलाई 2017 तक बढाई गई थी और जिसकी सूचना 26 जुलाई 2017 के निदेश के माध्यम से दी गई थी, को 01 अगस्त 2017 से 30 नवंबर 2017 तक आगे चार महीनों के लिए बढ़ाया गया है तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दि. 26 जुलाई, 2017 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/296 |