बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
31 मार्च 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश सं. के माध्यम से 2 मई, 2014 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन किया था। निदेशों की वैधता को बाद के निदेशों के तहत समय-समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को 23 नवम्बर 2017 के आदेश के माध्यम से बढाया गया और ये निदेश 31 मार्च 2018 तक समीक्षाधीन वैध थे। जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के पठित धारा 35ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश देता है कि उक्त बैंक को जारी समय-समय पर यथासंशोधित 30 अप्रैल 2014 का निदेश जिसकी वैधता 31 मार्च 2018 तक बढ़ाई गई थी, उक्त बैंक पर 26 मार्च 2018 के समीक्षाधीन निदेश के तहत 01 अप्रैल 2018 से 31 जुलाई 2018 तक अगले चार महीनों के लिए लागू रहेगा। उपरोक्त वैधता विस्तार को सूचित करने वाले 26 मार्च 2018 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/ और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, उक्त बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2017-2018/2596 |