बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
27 जुलाई 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश के माध्यम से दि. 2 मई, 2014 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधी को दि. 26 मार्च, 2018 के आदेश के माध्यम से बढाया गया और ये निदेश दि. 31 जुलाई, 2018 तक वैध तथा समीक्षाधीन थे। जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के पठित धारा 35ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए समय समय पर यथासंशोधित दि. 30 अप्रैल 2014 के निदेश के माध्यम से उपर्युक्त बैंक को जारी निदेश की वैधता अवधि दि. 31 जुलाई 2018 तक बढाई गई थी; वह निदेश बैंक पर दि. 01 अगस्त, 2018 से दि. 30 नवम्बर, 2018 तक आगे चार महीनों के लिए वैध रहेंगे जिसकी सूचना दि. 23 जुलाई 2018 के निदेश के माध्यम से दी गई है, तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दि. 23 जुलाई 2018 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/245 |