बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
26 जून 2019 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को 30 अप्रैल 2014 के आदेश द्वारा 2 मई 2014 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। अगले आदेशों द्वारा निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढाया गया और अंतिम बार 30 मई 2019 के आदेश के माध्यम से समीक्षा के अधीन निदेशों की अवधी को 30 जून 2019 बढाया गया था । जन साधारण के सूचनार्थ अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के पठित धारा 35ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिनांक 24 जून 2019 के आदेश के माध्यम से एतदद्वारा यह निदेश दिए हैं कि समय-समय पर यथा संशोधित 30 अप्रैल 2014 के आदेश के माध्यम से उपर्युक्त बैंक को जारी निदेश, जिसकी वैधता अवधि अंतिम रूप से दि. 30 जून 2019 तक बढाई गई थी, अब 1 जुलाई 2019 से 30 सितंबर 2019 तक अगले तीन माह हेतु बैंक के लिए निरंतर रूप से वैध रहेंगे तथा ये निदेश समीक्षा के अधीन रहेंगे। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले 24 जून 2019 के आदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता के अवलोकनार्थ लगाई गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में वास्तविक सुधार से संतुष्ट है। योगेश दयाल प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/3051 |