बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) - दी खेड़ब्रह्म नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, खेड़ब्रह्म, जिला साबरकॉंठा (गुजरात) - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) - दी खेड़ब्रह्म नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, खेड़ब्रह्म, जिला साबरकॉंठा (गुजरात)
4 नवंबर 2011 बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) - भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35ए की उप धारा (i) के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रत्यायोजन में दी खेड़ब्रह्म नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, खेड़ब्रह्म, जिला साबरकॉंठा (गुजरात) को कतिपय निदेश जारी किए हैं। इसके अनुसार उक्त बैंक 31 अक्टूबर 2011 को कारोबार की समाप्ति से भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित में पूर्व अनुमोदन के बिना कोई ऋण और अग्रिम प्रदान अथवा नवीकरण नहीं कर सकती है, कोई निवेश, निधियॉं उधार लेने और नयी जमाराशियॉं स्वीकार करने सहित कोई देयता नहीं कर सकती है, भुगतान संवितरित करने अथवा भुगतान संवितरित करने के लिए सहमत नहीं हो सकती है चाहे वह अपनी देयताओं और उत्तरदायित्वों अथवा अन्य के भुगतान के लिए हो, बैंक 24 अक्टूबर 2011 के भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों में अधिसूचित सीमा तक और स्वरूप के अलावा अपनी कोई संपत्ति अथवा आस्तियों की बिक्री, अंतरण अथवा अन्य निपटान के लिए कोई समझौता अथवा कोई व्यवस्था नहीं कर सकती है। इसकी एक प्रति जनता के इच्छुक सदस्यों के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी इन निदेशों को किसी भी प्रकार से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द करना नहीं माना जाना चाहिए। उक्त बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक उल्लिखित प्रतिबंध के साथ बैंकिंग कारोबार जारी रखेगी। जे. डी. देसाई |