बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
28 फरवरी 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत दि मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश के माध्यम से दिनांक 31 अगस्त, 2016 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को तत्पश्चात जारी किए गए निदेशों के तहत समय-समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 28 अगस्त, 2017 के निदेश के माध्यम से बढाया गया और यह निदेश दिनांक 28 फरवरी 2018 तक वैध समीक्षाधीन था। जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के पठित धारा 35क की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश देता है कि उपर्युक्त बैंक को दिनांक 31 अगस्त 2016 को जारी और समय-समय पर यथासंशोधित निदेश जिसकी वैधता अंतिम बार 28 फरवरी 2018 को बढ़ाई गई, वह 26 फरवरी, 2018 के निदेश के माध्यम से इस बैंक पर अगले छह महीनों अर्थात 1 मार्च 2018 से 31 अगस्त 2018 तक की अवधि तक लागू रहेगा और यह समीक्षाधीन होगा। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दिनांक 26 फरवरी, 2018 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/ और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/2324 |