बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – द मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – द मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
30 नवंबर 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत द मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश के माध्यम से 31 अगस्त, 2016 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि 24 अगस्त 2018 के निदेश के माध्यम से बढाई गई थी जो समीक्षाधीन 30 नवंबर 2018 तक वैध थी। जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के पठित धारा 35ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश देता है कि 31 अगस्त 2016 को उक्त बैंक को जारी समय-समय पर यथासंशोधित निदेश जिसकी वैधता अंतिम बार 30 नवंबर 2018 तक बढ़ाई गई थी, 27 नवंबर 2018 के निदेश के माध्यम से उक्त बैंक पर 1 दिसंबर 2018 से 31 मार्च 2019 तक चार महीनों की अवधि के लिए लागू रहेगा और यह समीक्षाधीन है। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले 27 नवम्बर, 2018 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/ और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/1253 |