बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
जनवरी 25, 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 24 जून 2015 के निदेश के माध्यम से 26 जून 2015 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेश की वैधता को समय समय पर बढ़ाया गया या संशोधित किया गया था और पिछली बार इन निदेश की अवधि को दिनांक 20 सितम्बर 2017 के निदेश द्वारा बढाया गया और ये निदेश दि 25 जनवरी 2018 तक वैध होंगे तथा समीक्षाधीन रहेंगे । जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के पठित धारा 35ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए समय समय पर यथासंशोधित किए अनुसार 24 जून 2015 के निदेश के माध्यम से उपर्युक्त बैंक को निदेश जारी किया गया था जिसकी वैधता अवधि 25 जनवरी 2018 तक बढाई गई, तथा ये निदेश बैंक पर 26 जनवरी 2018 से 25 जुलाई 2018 तक आगे छः महीनों के लिए वैध रहेंगे जिसकी सूचना 19 जनवरी 2018 के निदेश के माध्यम से दी गई है, तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दिनांक 19 जनवरी 2018 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। अनिरुद्ध डी. जाधव प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/2033 |