बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – सीकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान – निदेश की वैधता को बढ़ाया जाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – सीकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान – निदेश की वैधता को बढ़ाया जाना
10 मार्च 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35ए सीकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान को दिनांक 26 अक्तूबर 2018 के निदेश के माध्यम से 9 नवंबर 2018 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों की अवधि के लिए सर्व समावेशी निदेशों के तहत रखा गया था, जो समीक्षाधीन था। निदेश की वैधता को पिछली बार दिनांक 09 दिसंबर 2021 के निदेशानुसार तीन महीनों की अवधि के लिए 09 मार्च 2022 तक बढ़ाया गया था, जो समीक्षाधीन था। जनता के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए की उप-धारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निदेश देता है कि दिनांक 26 अक्तूबर 2018 को उक्त बैंक को जारी निदेश, जिनकी वैधता अवधि को पिछली बार 09 मार्च 2022 तक बढ़ाया गया था, दिनांक 07 मार्च 2022 को जारी निदेशानुसार अगले तीन महीनों के लिए अर्थात् 10 मार्च 2022 से 09 जून 2022 तक लागू रहेंगे और यह समीक्षाधीन रहेंगे। संदर्भाधीन निदेश की अन्य नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। 07 मार्च 2022 के उपरोक्त निदेश की एक प्रति जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता को बढ़ाने और/या संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति से संतुष्ट है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1843 |