बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश– इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर– अवधि बढ़ाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश– इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर– अवधि बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश सं. CDG.DOS.RSG.No.S1645/16-03-46/2022-23 द्वारा इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर को 10 मार्च 2023 की कारोबार की समाप्ति से 10 सितंबर 2023 तक छह माह के लिए निदेशाधीन रखा था, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 30 अगस्त 2024 के निदेश DOR.MON/D-48/12.28.319/2024-25 द्वारा 10 दिसंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। 2. भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश देता है कि दिनांक 5 दिसंबर 2024 के निदेश DOR.MON/D-79/12.28.319/2024-25 के अनुसार उपरोक्त निदेश बैंक पर 10 दिसंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति से 10 मार्च 2025 को कारोबार की समाप्ति तक तीन महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे, जो कि समीक्षा के अधीन है। 3. निदेशों की वैधता अवधि को बढ़ाने का यह अर्थ नहीं है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा।
(पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1667 |