बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – श्री आनंद को-ऑपेरटिव बैंक लिमिटेड, चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का बढ़ाया जाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – श्री आनंद को-ऑपेरटिव बैंक लिमिटेड, चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का बढ़ाया जाना
23 फरवरी 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री आनंद को-ऑपेरटिव बैंक लिमिटेड, चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र को दिनांक 21 जून 2019 के निदेश सं डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-16/12.22.474/2018-19 के माध्यम से 25 जून 2019 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया था और अंतिम बार इसकी वैधता अवधि को 24 फरवरी 2022 तक बढ़ाया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि उक्त निदेश 22 फरवरी 2022 के निदेश सं डीओआर.एमओएन.डी-64/12.22.474/2021-22 के अनुसार बैंक पर दिनांक 24 मई 2022 तक लागू रहेंगे तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। 3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करने वाले दिनांक 22 फरवरी 2022 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। 4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता को बढ़ाने और/या संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति से संतुष्ट है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1758 |