बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश - श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक-निदेश की अवधि में विस्तार
10 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश - बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 02 जनवरी 2020 के निदेश डीओएस.सीओ.यूसीबी.बीएसडी- III डी-2/12.23.283/2019-20 द्वारा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को 10 जुलाई 2020 को कारोबार की समाप्ति तक 6 माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे। दिनांक 19 जून 2020 के निदेश डीओआर.एआईडी/डी-89/12.23.283/2019-20 द्वारा इन निदेशों को संशोधित किया गया था जिसके अनुसार, अन्य शर्तों के साथ-साथ, प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाता या किसी भी नाम वाले जमा खाता में से बैंक के जमाकर्ता को कुल शेष में से अधिकतम रू.1,00,000 की राशि आहरित किए जाने की अनुमति, उसमें बताई गई कुछ शर्तों के अधीन, दी गई थी। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में यह आवश्यक है कि श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को जारी दिनांक 2 जनवरी 2020 के निदेश डीओएस.सीओ.यूसीबी.बीएसडी- III डी-2/12.23.283/2019-20, जिसे दिनांक 19 जून 2020 के निदेश डीओआर.एआईडी/ डी-89/12.23.283/2019-20 द्वारा यथा-संशोधित किया गया, की अवधि को विस्तार देने की आवश्यकता है। तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को जारी दिनांक 2 जनवरी 2020 के निदेश डीओएस.सीओ.यूसीबी.बीएसडी- III डी-2/12.23.283/2019-20, जिसे दिनांक 19 जून 2020 के निदेश डीओआर.एआईडी/ डी-89/12.23.283/2019-20 द्वारा यथा-संशोधित किया गया, जिसकी वैधता 10 जुलाई 2020 तक के लिए थी, अब उस अवधि में विस्तार कर उसे आगे छह माह 11 जुलाई 2020 से लेकर 10 जनवरी 2021 तक लागू किया गया है,और यह समीक्षाधीन है। संदर्भित निदेश के अन्य सभी नियम व शर्तें अपरिवर्तित रहेंगे। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/41 |