भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूंजी इंडेक्स बांडों के प्रस्तावित ढांचे पर अभिमत/सुझाव मांगे - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूंजी इंडेक्स बांडों के प्रस्तावित ढांचे पर अभिमत/सुझाव मांगे
24 मई 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूंजी इंडेक्स बांडों के प्रस्तावित ढांचे पर अभिमत/सुझाव मांगे
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज पूंजी इंडेक्स बांडों का प्रस्तावित ढांचा अभिमतों/सुझावों के लिए अपनी वेबसाइट पर रखा है। आपको याद होगा कि वर्ष 2004-05 के लिए 18 मई 2004 को घोषित वार्षिक नीति के वक्तव्य में यह कहा गया था कि उत्पाद विशेषताएँ दर्शाने वाले पूंजी इंडेक्स बांडों पर चर्चा पत्र पब्लिक डोमेन पर रखा जाएगा (पैरा 105)।
पूंजी इंडेक्स बांडों के प्रस्तावित ढांचे की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए यदि कोई आशोधन आवश्यक हो, तो उन पर अभिमत/सुझाव आंतरिक ऋण प्रबंध विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई-400001 (फैक्स 022-22659610) को 12 जून 2004 से पहले या उप सचिव (बजट) वित्त मंत्रालय, आर्थिक कार्य विभाग, भारत सरकार, नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली-110001 (फैक्स 011-23093273) को भेजें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय बीतने के साथ-साथ भारतीय प्रतिभूति बाजार विकसित करने के लिए अनेक उपाय किये हैं। इन उपायों के एक भाग के रूप में विविध निवेशों के लिए लिखतों का मेनू विकसित करना और निवेशकों की आवश्यकताओं की प्रतिरक्षा (हैज) की व्यवस्था करना रहा है। इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार के परामर्श से पूंजी इंडेक्स बांड का प्रस्ताव किया है।
पूंजी इंडेक्स बांड का एक घटक - अर्थात् 6 प्रतिशत पूंजी इंडेक्स बांड 2002 भारत में पहली बार 29 दिसम्बर 1997 को जारी किया गया था। उसके बाद प्राथमिक और गौण, दोनों बाजारों में बाजार सहभागियों की ठण्डी प्रतिक्रिया के कारण पूंजी इंडेक्स बांड जारी नहीं किये गये। बांडों के प्रति ठण्डी प्रतिक्रिया का एक मुख्य कारण उनके द्वारा प्रस्तावित सीमित मुद्रास्पफीति सुरक्षा था। बांड का आशोधित ढांचा पिछले अनुभव पर ध्यान रखने के साथ-साथ पूंजी इंडेक्स बांडों के अंतर्राष्ट्रीय रूप से लोकप्रिय ढांचे को भी ध्यान में रखता है।
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2003-2004/1372