5-6 जून 2012 को एनईएफटी परिचालनों में अवरोध : भारतीय रिज़र्व बैंक - आरबीआई - Reserve Bank of India
5-6 जून 2012 को एनईएफटी परिचालनों में अवरोध : भारतीय रिज़र्व बैंक
8 जून 2012 5-6 जून 2012 को एनईएफटी परिचालनों में अवरोध : भारतीय रिज़र्व बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक की इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) प्रणाली में 5 जून 2012 को लेनदेन के संसाधन में देरी हुई थी। कुछ तकनीकी गड़बडि़यों के कारण लेनदेन को कुछ देरी के साथ लक्ष्य बैंकों को भेजा गया था। 6 जून 2012 की संध्या में कुछ देर से इन मामलो का व्यापक स्तर पर समाधान किया गया था। तथापि, रिज़र्व बैंक कुछ अवशिष्ट मामलों की निगरानी और समाधान जारी रखे हुए है। इस बीच यह सुनिश्चित करने के लिए कि ग्राहकों को बेवज़ह असुविधा न हो, रिज़र्व बैंक ने अस्थायी रूप से तत्काल सकल निपटान प्रणाली (आरटीजीएस) में प्रारंभिक सीमा को कम करते हुए इसे वर्तमान में 2 लाख रुपये से एक लाख रुपये किया है। यह व्यवस्था शनिवार 9 जून 2012 तक जारी रहेगी। बैंकों को यह भी सूचित किया गया है कि वे आरटीजीएस के माध्यम से किए गए लेनदेन के लिए भी एक लाख से दो लाख रुपये की मूल्य परिधि में लेनदेन के लिए केवल लागू एनईएफटी प्रभारों को ही प्रभारित करें। रिज़र्व बैंक सभी बैंकों और उनके ग्राहकों को इस असुविधा में सहयोग के लिए आभार प्रकट करता है। एनईएफटी व्यक्तियों, कंपनियों और सरकारों द्वारा उपयोग की जाने वाली संपूर्ण भारत में आमने-सामने की निधि अंतरण प्रणाली है। इस प्रणाली में लेनदेन समस्त भारत में विभिन्न बैंक शाखाओं के माध्यम से प्रस्तुत किए जाते हैं। पिछले तीन वर्षों के दौरान एनईएफटी में संसाधित लेनदेन की मात्रा में वर्ष-दर-वर्ष 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। औसत आधार पर इस प्रणाली में प्रत्येक माह लगभग 18 मिलियन लेनदेन संसाधित किए जाते हैं। यह प्रणाली वर्ष 2005 से ही परिचालन में है। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1957 |