ऋण एक्सपोज़र की बिक्री और मानक आस्तियों के प्रतिभूतिकरण हेतु मसौदा रूपरेखा - आरबीआई - Reserve Bank of India
ऋण एक्सपोज़र की बिक्री और मानक आस्तियों के प्रतिभूतिकरण हेतु मसौदा रूपरेखा
8 जून 2020 ऋण एक्सपोज़र की बिक्री और मानक आस्तियों के प्रतिभूतिकरण हेतु मसौदा रूपरेखा रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए दो मसौदा दस्तावेज रखे हैं- ‘मानक आस्तियों के प्रतिभूतिकरण हेतु मसौदा रूपरेखा’ और ‘ऋण एक्सपोज़र की बिक्री के लिए व्यापक रूपरेखा मसौदा’। ये दिशानिर्देश सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर); अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों (नाबार्ड, एनएचबी, एक्जिम बैंक, और सिडबी); और आवास वित्त कंपनियों सहित सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लागू हैं। संशोधित दिशानिर्देश सरल प्रतिभूतिकरण संरचनाओं को प्रोत्साहित करते हुए भारत में एक मजबूत और सशक्त प्रतिभूतिकरण बाजार के विकास के उद्देश्य से विनियामक रूपरेखा को 1 जनवरी 2018 से प्रभावी प्रतिभूतिकरण पर बासल दिशानिर्देशों के साथ संरेखित करने का प्रयास करते हैं। ये संशोधन भारत में आवास वित्त प्रतिभूति बाजार के विकास पर समिति (अध्यक्ष: डॉ. हर्षवर्धन) और रिजर्व बैंक द्वारा मई 2019 में स्थापित कॉर्पोरेट ऋणों के लिए द्वितीयक बाजार के विकास पर कार्य बल (अध्यक्ष: श्री टी.एन. मनोहरन) की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। प्रमुख परिवर्तनों में से एक न्यूनतम धारित अवधि (एमएचपी), न्यूनतम प्रतिधारण आवश्यकताओं (एमआरआर) और क्रेडिट संवर्द्धन के पुनर्निर्धारण संबंधी निदेश के संबंध में अन्य प्रतिभूतिकरण की तुलना में आवासीय बंधक समर्थित प्रतिभूतियों (आरएमबीएस) के लिए भिन्न व्यवहार से संबंधित है। इसके अलावा, प्रत्यक्ष लेनदेन संबंधी विनियामक दिशानिर्देशों को प्रतिभूतिकरण दिशानिर्देशों से अलग करने और उन्हें ऋण एक्सपोज़र की बिक्री पर व्यापक दिशानिर्देशों के एक अलग सेट के तहत रखने का प्रस्ताव भी किया गया है। ये व्यापक दिशानिर्देश विभिन्न परिपत्रों के माध्यम से जारी किए गए ऋण जोखिमों की बिक्री पर मौजूदा दिशानिर्देशों में सामंजस्य लाते हुए और उन्हें दिवालिया एवं शोधन अक्षमता कोड, 2016 ('आईबीसी') और 7 जून 2019 के परिपत्र द्वारा जारी दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए विवेकसम्मत रूपरेखा के रूप में परिवर्तित संकल्प प्रतिमानों के अनुरूप बनाएंगे। दो मसौदा दिशानिर्देशों में प्रस्तावित प्रमुख परिवर्तनों की एक व्यापक पृष्ठभूमि और सारांश संलग्न विवरण में दिया गया है। रिजर्व बैंक मसौदा रूपरेखा पर सभी हितधारकों से टिप्पणियों के लिए अनुरोध करता है। विशेष रूप से कुछ विशिष्ट परामर्श के योग्य प्रश्नों पर प्रतिक्रियाएं मांगी जाती हैं जिन्हें संलग्न विवरण में भी चिह्नित किया गया है। टिप्पणियों को जहां तक संभव हो अधिमानतः मात्रात्मक आकलन द्वारा समर्थित किया जाए। मसौदा रूपरेखा पर टिप्पणियां और चर्चापरक प्रश्नों के उत्तर रिजर्व बैंक को 30 जून 2020 तक ईमेल द्वारा प्रस्तुत किए जा सकते हैं। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2468 |